ट्रांसफर पॉलिसी का इंतजार कर रहे सरकारी स्कूलों में कार्यरत 44 हजार जेबीटी एंड सीएंडवी शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर है। हिमाचल सरकार ने लंबे समय से इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर पॉलिसी के विवाद को खत्म करते हुए नई एवं संशोधित अधिसूचना जारी की दी । शिक्षक अब 13 साल के लंबी अवधि के बजाय पांच साल में ही अपनी जिला वाइज ट्रांसफर करवा सकेंगे। इसके साथ ही महिला शिक्षिक कि यदि किसी दूसरे जिला में शादी हो जाती है, तो उस पर पांच साल की शर्त लागू नहीं होगी। यह एक बड़ी राहत महिला शिक्षिका कर्मचारियों के लिए दी गई है। सीएंडवी और जेबीटी शिक्षकों का जिला कैडर होता है। पंद्रह साल बाद पांच फीसदी कोटे के तहत ही तबादला होता था। प्रदेश शिक्षा सचिव राजीव शर्मा की ओर से शनिवार को इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई है। सीएंडवी और जेबीटी का जिला कैडर है। सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति करते समय पांच जिलों का विकल्प दिया था।
गृह जिला में वापसी के लिए सरकार ने पहली नियुक्ति वाले स्कूल में न्यूनतम 13 साल सेवाएं देने की शर्त रखी थी। इस शर्त के चलते जेबीटी और सीएंडवी शिक्षकों को अपने गृह जिलों में वापसी के लिए लंबा वनवास भुगतना पड़ता था। अब नीति में संशोधन होने से अंतर जिलों में तबादलों के लिए पांच वर्ष की सेवा पूरी करनी होगी। इसमें अनुबंध सेवाकाल को भी जोड़ा जाएगा। पिछले कई सालों से लगातार शिक्षक इस डिमांड को उठा रहे थे, जिसमें एक बार पहले भी ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर अधिसूचना जारी की गई थी, लेकिन उसमें कुछ जिला के डिप्टी डायरेक्टर ने ऑब्जेक्शन कर दिया था। इसमें डीओ नोट लगाने, शर्तों में छूट देने की डिमांड की जा रही थी। इस कारण यह मामला काफी विवाद भी पकड़ रहा था। लेकिन अब इसमें फाइनल निर्णय आ गया है। (एचडीएम)
जेबीटी-सीएंडवी शिक्षकों के लिए पॉलिसी
म्युचुअल ट्रांसफर पर लागू नहीं होगी पांच साल की शर्त
जिला में काडर और पद खाली होने पर ही हेागी बदली
आवेदन ज्यादा तो वरिष्ठता के आधार पर होगी ट्रांसफर
साल में ज्यादा से ज्यादा एक बार ही हो सकेगी बदली
ट्रांसफर पर यात्रा भत्ता, चार्ज लेेने को नहीं मिलेगा समय
प्रारंभिक शिक्षा विभाग ही करेगा इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर
60 फीसदी अपंगता वालों पर पांच साल की शर्त नहीं
विशेष परिस्थितियों में मेडिकल रिपोर्ट पर ही छूट