एक ओर बरसते रहे मेघ रात भर टिप-टिप मेरी खिड़की के छज्जे पर…..वहीं, दूसरी ओर पिघलते रहे अंतर्मन के तमाम हिमखण्ड तुम्हारी,यादों की शिलाओं से लिपटे कतरा-कतरा…..एन. पी. सिंह
हिन्दी कविता
युवाओं को रोजगार देने में नाकाम रही भाजपा सरकार, 63 हजार खाली पदों को नहीं भर पाई, कांग्रेस सरकार बनने पर 1 लाख पदों पर होगी भर्ती : प्रियंका गांधी
ऊना: प्रियंका गांधी ने कहा कि भाजपा ने प्रदेश में पांच साल सरकार चलाई लेकिन कुछ काम नहीं किया। अब फिर जनता से झूठे वादे कर रहे हैं। प्रदेश में सरकारी विभागों में 63 हजार पद खाली है। भाजपा सरकार ने पांच साल तक पदों की भर्ती नहीं की, जिससे […]
हम लोकतंत्र के लिए लड़ते, हम लोकतंत्र के लिए मरते हैं….
हम लोकतंत्र के लिए लड़ते, हम लोकतंत्र के लिए मरते हैं,हम अपने विचारों से एक, लोकतांत्रिक दुनिया गढ़ते हैं।जहाँ जनता राज करती है, जहाँ जनता भूखी नहीं मरती है,जहाँ औरत की इज्ज़त होती है,जहाँ सबके हाथों में रोटी है,ऐसा देश बनाने के लिए, शब्द भी कम पड़ते हैं,हम अपने विचारों […]
जब मैंने शिक्षा पायी, इक बात समझ में आयी…
जब मैंने शिक्षा पायी, इक बात समझ में आयी,ये दुनिया है अमीरों की, न किसान और मजदूरों की,इनके हक के लिए मुझे लड़ना है,मुझे समाज बदलना है।जब मैंने शिक्षा पायी, इक बात समझ में आयी, टुकड़ों में बंटा है देश, जाति धर्म का है भेद,इंसानियत का सबक सिखाना है, मुझे […]
मुख्यमंत्री ने किया विद्यासागर भार्गव रचित कविता संग्रह का विमोचन
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां विद्यासागर भार्गव द्वारा रचित कविता संग्रह ‘मेरी तुम्हारी कहानी, कविता की जुबानी’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने विद्यासागर भार्गव के प्रयासों की सराहना करते हुए आशा व्यक्त की कि यह काव्य पुस्तक पाठकों को पसंद आएगी। उन्होंने लेखक को उनके भविष्य के सभी प्रयासों […]
उसकी उदास आँखें देख।..दिल चाहा पूछ लूँ उदासी का सबब..
उसकी उदास आँखें देख।दिल चाहा पूछ लूँ उदासी का सबब..पर कई बार सवाल-जवाब सेबेहतर होता है।आहिस्ते सेगले लगा लेनापीठ कोहौले से सहला देना।अँजुरी में चेहरा भरकरमाथे को चूम लेना।और मैंनेआगे बढ़करलगा लिया था उसे सीने से।
काश हो जाए पूरी हर उम्मीद यहां,नहीं इश्क़ तो फिर इनायत ही सही।
काश हो जाए पूरी हर उम्मीद यहां,नहीं इश्क़ तो फिर इनायत ही सही।मोहब्बत नहीं तो बगावत ही सही,तेरे वास्ते यार अदावत ही सही।बहुत बनाए हैं महलों के मलबे यहां,इस बार तो कोई इमारत ही सही।खत्म हुआ दुश्मनी का रिश्ता ही,अब तो तेरे साथ सख़ावत ही सही।हम भी चलेंगे कोई चाल […]
जब चांदनी रात हो और सितारे भी साथ हो । मन में अगर उठ रहे देढो जज्बात हो
जब चांदनी रात हो और सितारे भी साथ हो । मन में अगर उठ रहे देढो जज्बात हो ।।तो बस कागज़ लेकर उन कहानियों को उतार लेना।। सपने हो तो रंग भरना ।शिकायते हो तो तंज मत करना । रुकावटे हो तो अफसोस ना करना ।।और अगर अफसोस हो तो […]
शून्य जैसा हूँ मैं मुझ से जुड़ कर तुम रहोगे वैसे ही,जैसे अभी हो तुम।
शून्य जैसा हूँ मैंमुझ से जुड़ कर तुम रहोगे वैसे ही,जैसे अभी हो तुम।और होकर मुझसे अलग,कुछ नही बदलने वाला।तुम रहोगे वैसे ही,जैसे अभी हो तुम।जोड़ना घटाना तो चलता रहता हैं,बस मुझसे गुणा ना होना कभी।जो मुझसे गुणा हुए,तुम मुझ से हो जाओगे।तुम भी शून्य बन खो जाओगे।
समुन्द्र की क़तरा-ए-बून्द का भी एहसान नहीं है मुझ पर “राही”
समुन्द्र की क़तरा-ए-बून्द का भी एहसान नहीं है मुझ पर “राही”। जब भी पिया है पत्थरों को तोड़ कर पिया है पानी। विरासत में मिला है सिर्फ सलीका-ए-अदब। बाकी सब हाथों से घड़ा है अपनी ज़मीं और आसमां। तुम कहते हो कि हर जगह अपवाद न बनूं। ये अपवाद ही […]