इक आग,इक तपन, रोज़ नयी चाहिए , ये है इनसां की फितरत, कुछ अलग चाहिए

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इक आग,इक तपन,रोज़ नयी चाहिए ,ये है इनसां की फितरत,कुछ अलग चाहिए ।देश सुख का हो ,चाहत दिल की ये है ,साथ दुखों का भी ,इक नगर चाहिए ।हकीकत तो ये है,किअब वफ़ा ही नहीं ,बेवफाओं का फिर भी,भरम चाहिए ।अपनों से हमें ,चाहेमिले न कुछ भले ,गैरों का ही […]

मेरी दोस्ती, देखनी हो तो पतझड़ में आना दोस्त।

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मेरी दोस्ती,देखनी हो तोपतझड़ में आना दोस्त। सावन में तोहर पत्ता हरा होता है…. चौराहों पर लगेदिशा निर्देशों की अपनीमंजिल न हो बेशक। तुम्हें,मंजिल का पताजरूर बता देंगे …. ( एन. पी. सिंह )

बरसों तलक होती रही, मुलाक़ात हमारी , इक बात न कह पाई , ज़माने गुज़र गये ।

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बरसों तलक होती रही, मुलाक़ात हमारी ,इक बात न कह पाई , ज़माने गुज़र गये । पल पल पे देते रहे हैं , वादों पेजान जो ,ढूंढा,तो न मिले,आज वो दीवानेकिधर गये । किस्से ‘औ ‘ कहानियों सी,मिलती है दास्तां,हकीकत जो मिली ,तो फ़सानेबिखर गये । तेरा ही था भरम […]

जब भी तेरे एहसास से, ये दिल आबाद हुआ, इक टीस सी उठी

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जब भी तेरे एहसास से,ये दिल आबाद हुआ,इक टीस सी उठी , औरदफ़न हो गये सारे ख़्वाब।बड़ी अजीब सी है, येमेरे साथ जो बीती दास्तांसिर्फ आंसू से लिखा है,प्यार का नाम …न जाने कौन हैं वोजो ये कहते रहते हैं,एक ख़ूबसूरत एहसासहै मोहब्बत …हमने तो जब भी छुआबस हाथ जल […]

कितना कुछ कहना है….. शब्द असहाय हो जाते हैं….

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कितना कुछ कहना है…..मुझे तुमसे, इतना कि…… गला रुंध जाता है, औरशब्द असहाय हो जाते हैं….कोरैं गीली हो जाती हैं… परन्तुसीमा नहीं लांघ सकती…… दो अर्द्ध चंद्र मिलकरपूर्ण होते होंगे…..परन्तु जिस बिन्दु परउनका समागम होता है……क्या वहां एक रेखा नहीं उभरती?दोनों के बीच…… और वही हैकभी न खत्म होने वालाइन्तज़ार…… […]

आपको ये हक़ है,कि मुजरिम हमें करार दें

मोंटू

आपको ये हक़ है,कि मुजरिमहमें करार दें ,मोहब्बत हमारा जुर्म है, औरआप चाहें न प्यार दें ।आपके इल्ज़ाम से,हम भी कम होना चाहेंगे बरी,आपकी तबियत इनकार हो, औरहम इक़रार दें ।मिलना किसी बहाने, एहसान खुद ये आपका ,हमने कब मांगा ये सब, कि आपहमें उधार दें ।ये खु़मारी क्यों आपको,मेरे […]