राज्य सरकार ने डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना शुरू की है। यह एक ब्याज सब्सिडी शिक्षा ऋण योजना है, जिसका उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के विद्यार्थियों को व्यावसायिक, तकनीकी और उच्च शिक्षा प्राप्त करने में वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि आर्थिक तंगी के कारण प्रदेश का कोई भी युवा अपनी पढ़ाई से वंचित न रहे।
उच्च शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना के तहत पात्र छात्र हिमाचल प्रदेश में स्थित किसी भी अधिसूचित बैंक से केवल एक प्रतिशत ब्याज दर पर शिक्षा ऋण प्राप्त कर सकते हैं। यह ऋण इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट, पैरामेडिकल, फार्मेसी, नर्सिंग, लॉ आदि व्यावसायिक और तकनीकी पाठ्यक्रम के डिग्री और डिप्लोमा कोर्स के लिए उपलब्ध है। इसके अलावा, आईटीआई, पॉलिटेक्निक, पोस्ट-ग्रेजुएशन और पी.एच.डी. के लिए भी ऋण लिया जा सकता है, बशर्ते संस्थान एआईसीटीई, एनएमसी, एआइएमए, पीसीआई, आईएनसी, बीसीआई, यूजीसी, आदि मान्यता प्राप्त नियामक संस्थाओं द्वारा मान्य हो।
प्रवक्ता ने बताया कि यह योजना भारत और विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों पर लागू होगी। यह नए प्रवेश लेने वाले छात्रों के साथ-साथ पहले से अध्ययनरत छात्रों के लिए भी उपलब्ध है। इस योजना के तहत छात्र 20 लाख रुपये तक का ऋण ले सकते हैं, जिसमें ट्यूशन फीस, छात्रावास, भोजन, किताबें और अन्य शैक्षणिक खर्च शामिल हैं। आवेदक के परिवार की वार्षिक आय 12 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। ऋण लेने के लिए अधिकतम आयु सीमा प्रवेश/पंजीकरण की तारीख तक 28 वर्ष निर्धारित की गई है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए शिमला के मॉल स्थित यूको बैंक को नोडल बैंक नियुक्त किया गया है। विस्तृत जानकारी के लिए विद्यार्थी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट ीजजचेरूध्ध्मकनबंजपवदण्ीचण्हवअण्पदध्ण् पर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

