आग होती , तो बुझ जाती , आह होती , तो निकल जाती , क्या तुम्हें ख़बर है, ये क्या है ? प्यास होती , तो पी लेते , राह होती , तो चल देते ,क्या जानें हम ,कि ये क्या है …. दर्द होता , तो दब जाता , […]
हिन्दी कविता
कोई जो पूछे कि जीवन क्या है, मैं नाम तुम्हारा बता देती हूं…
सुनो कान्हा जी कोई जो पूछे कि जीवन क्या है,मैं नाम तुम्हारा बता देती हूं… कोई जो पूछे कि दर्पण क्या है..मैं आँखे तुम्हारी बता देती हूं.. कोई जो पूछे कि सुर क्या होते है,मैं बाते तुम्हारी कह देती हूं.. कोई जो पूछे साथ क्या होता है,मैं हाथ तुम्हारा थाम […]
उफ़ कितना बोझ है , तुम्हारे ऊपर आओ , तनिक बैठो न, रख दो ये गठरी,सिर से उतार कर
उफ़… कितना बोझ है ,तुम्हारे ऊपरआओ , तनिक बैठो न,रख दो ये गठरी,सिर से उतार कर …….कितने अस्त व्यस्त से लगते होमाथे पर गहरी- गहरी रेखाऐं…आंखों में गहरी उदासी ……शरीर में शिथिलता…..तुम कभी थकते तो न थे ,सुख-दुख, लाभ-हानिसे परे थे तुम…. सही कहा मित्र , मैं समय हूं ….और,यही […]
खिली सी रंगत पर , हजारों रंगीन अफ़साने लिखे । बेगैरत सादगी आ कर क्यों , मौसम बिगाड़ देती है ??
खिली सी रंगत पर , हजारों रंगीन अफ़साने लिखे ।बेगैरत सादगी आ कर क्यों , मौसम बिगाड़ देती है ?? खिली हो धूप-छांह में , तमस में चांदनी का जलवा ।खामोशी छेड़ती है राग , नीरव में गजल का मसला ।। अनजान सी रागिनी आकर , तरन्नुम बिगाड़ देती है […]
मेरी जिंदगी में सरहद की कोई शाम आए काश मेरी जिंदगी मेरे वतन के काम आए
मेरी जिंदगी में सरहद की कोई शाम आएकाश मेरी जिंदगी मेरे वतन के काम आएना खौफ है मौत का ना आरजू है जन्नत कीख्वाईश बस इतनी सी है जब भी जिक्र हो शहीदों का तो मेरा भी नाम आए कभी कड़ाके की ठंड में ठिठुर के देखनाकभी तपती धुप में […]
शहीदों के बलिदान व्यर्थ न जाएंगे, देश पे मरने वालो के बदले लिए जायेंगे.
शहीदों के बलिदान व्यर्थ न जाएंगे, देश पे मरने वालो के बदले लिए जायेंगे.किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने सुहाग , भोले बचपन पे क्या बीती क्या बताएंदेश तड़फ रहा है कल से , क्या सच में होगा चीनी सामान का बहिस्कारकर दे भारत सरकार चीनी सामान को बेन […]
करते रहे वो इक़रार, हम ख़ामोशी बुनते रहे , चर्चे का उन्हें शौक़ रहा, हम दामन में छिपते रहे
करते रहे वो इक़रार,हम ख़ामोशी बुनते रहे ,चर्चे का उन्हें शौक़ रहा,हम दामन में छिपते रहे ,दर्दे दिल की दास्तां, दोनों की रहीफर्क बस इतना रहा ,वो सुनाते रहे, और हम सुनते रहेहर पल याद आती है,इसलिए मिलने आते हैं वो ,हम उन्हीं की याद में ,छिपके उनसे मिलते रहे […]
अभी अभी तो तुमने, पंख फैलाए थे , नीले आसमान पे , इन्द्रधनुष बन छाये थे :सुशांत सिंह राजपूत जी को समर्पित ….
अभी अभी तो तुमने,पंख फैलाए थे ,नीले आसमान पे ,इन्द्रधनुष बन छाये थे ।कितनी मोहक थी ,तुम्हारी हंसी…..जैसे अंधेरों में ,दिये जलाये थे ।माना मृत्यु जीवन का सत्य है,पर क्या, इसे खुद से लिखना…सही कृत्य है ?….हां, रहीं होगी कोई पीड़ातुम्हारे अन्दर …मात- पिता से तो, वोनहीं होगी बढ़कर ….कितने […]
अब मै समझ गया हूँ मआशरे के उसूलों को नहीं संभालता तो, मै उस कीचड़ मे गिर जाता।
अब मै समझ गया हूँ मआशरे के उसूलों कोनहीं संभालता तो, मै उस कीचड़ मे गिर जाता। न दी तवज्जो उनके बे-तुके गुफ़्तगू कोजो होता शरीक उसमे, तो गुनहगार मै बन जाता। न दे इतनी एहमियत किसी बद्द-दिमाग मग़रूर कोथोड़ी इज़्ज़त गर किसी ग़रीब को देते, तो वो तेरा परस्तार […]
जो जलाये दीये हमने , तो अंधेरा बढ़ गया , ये क्या हुआ कि अब ए हयात से कोई मर गया ।
जो जलाये दीये हमने ,तो अंधेरा बढ़ गया ,ये क्या हुआ कि अब ए हयातसे कोई मर गया । यारों अजब रहा ,दुनिया का ही चलन ,मिले जो दोस्ती को,वो रक़ीब बन गया । सफ़र न होती जिंदगी ,तो बात ही क्या थी ,मिले न वो, छूटे जो,कारवां गुज़र गया । […]