पढ़िए कत्ल की खौफनाक दास्तान
पत्नी, बच्चों व दोस्त की हत्या का खेल शातिर ने यूं ही नहीं खेला। मेडिकल साइंस का जानकार होने के कारण उसने इसका इस्तेमाल घटना के साक्ष्य मिटाने में किया लेकिन कामयाब नहीं हो सका। एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने बताया कि आरोपी राकेश पैथोलॉजी का डिप्लोमा होल्डर है और नोएडा की लाल पैथोलॉजी में सात वर्ष तक काम कर चुका था। उसे इस बात का पता था कि पुलिस किस तरह से साक्ष्य जुटाती है। उसने दोस्त राजेंद्र उर्फ कलुआ की गड़ासे से सिर काटकर हत्या की और हाथों के पंजे भी काट दिए, जिससे उसकी शिनाख्त न हो पाए। आरोपी को पता था कि शव की शिनाख्त या तो चेहरे से हो सकती है या फिर हाथ की उंगलियों से। साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से सिर और पंजे काटकर उन्हें जला दिया और स्वयं का शव होने का दावा परिवार से करवा दिया। वहीं पत्नी और बच्चों के शव घर के बेसमेंट में दफन करके सीमेंट का फर्श बनवा दिया। राकेश ने अपने चेहरे और नाक की प्लास्टिक सर्जरी कराई, जिससे यकायक उसकी पहचान न हो सके।
शिनाख्त के लिए डाल दी एलआईसी की रसीद
राकेश ने दोस्त की हत्या के बाद एक और साजिश रची। उसने खुद के नाम की एलआईसी रसीद शव के पास डाल दी थी। जिससे पुलिस को यह पुष्टि हो जाए कि शव राकेश का ही है। इसके बाद वह नोएडा चला गया।
बदल ली पहचान पत्र और कार्यक्षेत्र
आरोपी ने दिलीप शर्मा पुत्र सुभाष शर्मा निवासी कुक्कन पट्टी जनपद कुशीनगर के नाम से फर्जी आधार कार्ड बनवा लिया और हरियाणा के महरौली गांव में पहले मजदूरी की बाद में राजमिस्त्री बन गया और स्थायी रूप से वहीं रहने लगा।
किराए पर उठा दिया नोएडा का मकान
नोएडा में पत्नी और बच्चों की हत्या के बाद बेसमेंट में शव दफनाने के बाद उसने पैथोलॉजी से काम छोड़ दिया और मकान भी किराए पर उठा दिया था। कासगंज पुलिस द्वारा मकान में की गई खोदाई के बाद किराएदार भी डरे सहमे नजर आए।