Poetry हिन्दी कविता एक ओर बरसते रहे मेघ रात भर टिप-टिप मेरी खिड़की के छज्जे पर….. Vivek Sharma 4 months ago Spaka News एक ओर बरसते रहे मेघ रात भर टिप-टिप मेरी खिड़की के छज्जे पर…..वहीं, दूसरी ओर पिघलते रहे अंतर्मन के तमाम हिमखण्ड तुम्हारी,यादों की शिलाओं से लिपटे कतरा-कतरा…..एन. पी. सिंह Spaka News