जब चांदनी रात हो और सितारे भी साथ हो । मन में अगर उठ रहे देढो जज्बात हो ।।
तो बस कागज़ लेकर उन कहानियों को उतार लेना।।
सपने हो तो रंग भरना ।शिकायते हो तो तंज मत करना ।
रुकावटे हो तो अफसोस ना करना ।।और अगर अफसोस हो तो आशाएं भी रखना।।
इन सभी सिलसिलों को तुम खुद ही परखना।।
अपनी हालत और हालात के जिम्मेदार बनना ।खुद से जब भी तुम बाते करना।।
जान लेना कि वो शख्स जो आज मिला है।बरसों से तुमारे ही साथ चला है।।
उसकी भी आज कही बात सुनना।इस मुलाकात के सिलसिले को तुम जारी रखना।।
दुनियां से तो रोज मिलते हो।सबके लिए तो रोज ही जीते हो।।
कभी खुद से भी खुद की बात कहना ।।कभी खुद से भी खुद की बात कहना ।।