हिमाचल प्रदेश के सोलन में एक बड़ा हादसा हुआ है। यहां पर परवाणू ट्रिंबर ट्रेल रोपवे में केबल कार में 11 लोग फंस गए हैं। लगभग एक घंटे तक ये केबल कार हवा में फंसी रही और लोगों की सांसें भी अटकी रही। इसके बाद रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया गया। इसी बीच बताया जा रहा है कि केबल कार में फंसे 7 लोगों को रेस्क्यू कर लिया है। अन्य को निकालने के लिए आपरेशन जारी है। वहीं NDRF की टीम भी पहुंच गई है। प्रशासन बचे हुए लोगों का मनोबल बढ़ा रहा है। रेस्क्यू कर कर निकाले गए लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। इसी बीच सीएम जयराम मौके पर पहुंच गए हैं। उन्होंने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं।
हिमाचल प्रदेश के टिंबर ट्रेल रिजॉर्ट परवाणु में रोपवे के फंसे सभी पर्यटकों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर दिया गया हैं। 5 घंटों तक हवा में लटकी 11 जिंदगियों को NDRF की टीम ने पुलिस व प्रशासन की मदद से सुरक्षित बचा लिया हैं। टीम ने मौके पर पहुंचते ही रेस्क्यू ऑपरेशन का जिम्मा संभाला और सभी को सुरक्षित बाहर निकला।
बताया जा रहा है कि होटल से करीब 200 मीटर की दूरी पर ट्रॉली में 11 पर्यटक फंस गए थे। इनमे 4 महिलाएं भी शामिल थी। पर्यटक केबल कार से होटल मोक्ष से परवाणू की ओर आ रहे थे कि अचानक ट्रॉली बीच में ही फंस गई।
जिस स्थान पर पर्यटकों की ट्राॅली फंसी थी उसके नीचे गहरी खाई है। रेस्क्यू में मामूली सी गलती भारी पड़ सकती थी। लेकिन NDRF की बड़ी सहजता से रस्सी के सहारे सभी पर्यटकों को नीचे उतारा। उधर, हादसे की सूचना मिलते ही हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर भी खुद मौके पर पहुंच गए थे।
बताया जा रहा हैं कि ट्रॉली में तकनीकी खराबी आने के कारण बीच में ही अटक गई थी। ट्रॉली में फंसे लोगों का कहना हैं कि 3 घंटे तक उन्हें कोई मदद नहीं मिली। जब उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर जानकारी साझा की तो इसके बाद प्रशासन व पुलिस हरकत में आया।
गौरतलब है कि इससे पहले भी एक बार 1992 में भी इसी रोपवे पर हादसा पेश आया था। करीब 10 जिंदगियां तीन दिन तक ट्रॉली में फंसी रही थी। इनमें से एक की मौत भी हो गई थी। उस समय आर्मी व एयरफोर्स के जवानों ने जान पर खेलकर लोगों को रेस्क्यू किया था। उस हादसे को याद कर आज भी लोग सिहर उठते हैं।