फर्जी आइजी बन हिमाचल के उद्योगपतियों से अवैध वसूली मामले की जांच कर रही एसआईटी को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। इस मामले में कई दिन से फरार हरियाणा पुलिस के दो जवानों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। हालांकि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया हैए लेकिन आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि इन्हें आज यानी गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया है। इन दोनों आरोपितों में एक पुलिस तो दूसरा जेल विभाग में कार्यरत है। आरोप है कि ये दोनों हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्रों में मुख्य आरोपित और फर्जी आइजी हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले विनय अग्रवाल के लिए गनमैन का काम करते थे।
सेठी के बयान के बाद एसआईटी को कई अहम सबूत हाथ लगे हैं। एसआईटी की ओर से अभी आरोपी अग्रवाल और उसके साथी से अलग-अलग पूछताछ हुई है। अब दोनों से एक साथ पूछताछ भी होनी है। तफ्तीश में पाया गया है कि हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले आरोपी विनय अग्रवाल का एक साल में 4 करोड़ रुपये का टर्न ओवर है। सूत्र बताते हैं कि एसआईटी के पास इनकी अब तक की संपत्तियों का ब्योरा, फोन डिटेल, फार्मा यूनिट के दस्तावेज, इनके पास काम करने वाले कर्मचारियों की सूची भी है। एसआईटी ने जांच को तेज कर दिया है। डीजीपी संजय कुंडू प्रतिदिन इस मामले में अपडेट ले रहे हैं।
हिमाचल के कालाअंब के उद्योगपति जगवीर की शिकायत (Complaint) पर इन्हें आरोपित बनाया गया है। यह दोनों कई दिन से एसआइटी की रडार पर थे, लेकिन इन लोगों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर दिए थे, जिसके चलते इनकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही थी। यह लोग अपनी ड्यूटी पर भी नहीं जा रहे थे। सीआइडी की एक टीम इन पर पैनी निगाह रख रही थी। अवैध तरीके से गनमैन की ड्यूटी (Duty) देने के बदले कितनी घूस ली, इसका पता पूछताछ से ही चलेगा। हरियाणा पुलिस के इन दोनों आरोपित कर्मियों को गुरुवार को नाहन की कार्ट में पेश किया गया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि अपराध कालाअंब में हुआ है।