खाद्य आपूर्ति विभाग में लाखों रुपये के सरकारी सीमेंट के गबन का पर्दाफाश हुआ है। इसमें डिपो संचालक पर 54 लाख 93 हजार रुपये की धोखाधड़ी पर मुकद्दमा दर्ज हुआ है। हिमाचल प्रदेश नागरिक आपूर्ति निगम के एरिया मैनेजर रमाकांत चौहान ने इसकी शिकायत पुलिस में दी है। शिमला के सुन्नी थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
आरोप है कि कर्मचारी ने सरकारी पद का दुरुपयोग कर चोरी-छिपे लाखों रुपये का सीमेंट हड़प लिया। विभाग के ऑडिट में हुए खुलासे के आधार पर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई। शिकायत के मुताबिक आरोपी दुष्यंत कुमार साल 2016 से 2020 तक सुन्नी में बतौर पब्लिक डिस्ट्रीब्यूटर हेल्पर (पीडीएच) पद पर कार्यरत था
2020-21 में विभाग ने इस डिपो का ऑडिट करवाया तो इसमें गड़बड़ियां पकड़ी गईं। ऑडिट में पाया गया कि आरोपी ने जितना सीमेंट बेचा था, उस हिसाब से सरकारी खाते में पैसे जमा नहीं करवाए गए। इसके अलावा रिकॉर्ड में भी गड़बड़ियां पाई गई थीं। इसमें बाउचर का मिलान रिकॉर्ड के दस्तावेजों में दर्ज नहीं हुआ है। कागजों में सीमेंट कम दिखाया गया। विभागीय जांच में सामने आया कि आरोपी चार साल तक चोरी-छिपे सीमेंट बेचता रहा। सरकारी खाते में कम पैसा जमा करवाया। उधर, सुन्नी थाना प्रभारी कर्मचंद ने मामले की पुष्टि की है।
विभाग से रिकॉर्ड किया तलब, जांच शुरू : डीएसपी मंगत राम
डीएसपी सिटी मंगत राम ने बताया कि सरकारी कर्मचारी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। विभाग से डिपो का रिकॉर्ड मांगा है। चार साल के रिकॉर्ड के दस्तावेज की जांच के बाद पूरे मामले की सच्चाई सामने आएगी।
42 पंचायतों और विभागों को सप्लाई होता था सीमेंट
सुन्नी में सिविल सप्लाई सोसायटी के डिपो का गोदाम है। यहां से करीब 42 पंचायतों को विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए सरकारी सीमेंट सप्लाई होता है। मनरेगा कार्यों के लिए भी यहीं से सीमेंट सप्लाई होता है। ठेकेदारों और सरकार के अन्य विभागों को भी यहीं से सीमेंट दिया जाता है।