PAK vs AFG: आसिफ अली ने अफगानिस्तान के गेंदबाज को मारने के लिए उठा लिया बल्ला, देखें वायरल वीडियो……
49 mins ago Pahari Kheti
शिमला : पहाड़ी खेती, समाचार( 09, सितंबर ) पिछले कल पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच एशिया कप में हुए मुकाबले में रोमांच, एक्शन और ड्रामा सबकुछ था। अफगानिस्तान ने जब पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट के नुकसान पर 129 रन बनाए तो हर किसी को यही लग रहा था कि पाकिस्तान बड़ी आसानी से इस लक्ष्य को हासिल कर फाइनल में पहुंच जाएगा।
लेकिन, अफगानिस्तान के गेंदबाजों ने इसे इतना मुश्किल बना दिया कि आखिर ओवर में तो यही लग रहा था कि पाकिस्तान हार जाएगा। उसके 119 रन पर 9 विकेट गिर चुके थे। लेकिन, नसीम शाह ने 20वें ओवर की पहली दो गेंद पर दो छक्के उड़ाकर पाकिस्तान को 1 विकेट से रोमांचक जीत दिला दी। इस मैच के दौरान जब पाकिस्तान की टीम बल्लेबाजी कर रही थी, तब मैदान पर ऐसा वाकया घटा, जो जेंटलमेन गेम की भावना के बिल्कुल उलट था। मैच के 19वें ओवर में पाकिस्तानी बल्लेबाज आसिफ अली और अफगानिस्तान के गेंदबाज फरीद अहमद भिड़ गए। दोनों के बीच नौबत मारपीट तक की गई। आसिफ अली ने फरीद को मारने के लिए बल्ला तक उठा लिया। लेकिन, अंपायर और अफगानिस्तान के खिलाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर दोनों को अलग कर दिया नहीं, तो यह मुकाबला किसी और वजह से भी याद किया जाता।
आसिफ ने फरीद को मारने के लिए उठाया बल्ला
दरअसल, 130 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान के विकेट लगातार गिर रहे थे। पाकिस्तान का स्कोर 18 ओवर के बाद 7 विकेट के नुकसान पर 109 रन था। पाकिस्तान की सारी उम्मीदें आसिफ अली पर टिकी थीं। वो 5 गेंद पर एक छक्के की मदद से 9 रन बना चुके थे। पाकिस्तान की पारी का 19वां ओवर फरीद अहमद फेंकने आए। उन्होंने अपनी दूसरी गेंद पर हारिस रउफ को आउट कर दिया। वो खाता भी नहीं खोल पाए। अब सारा दारोमदार आसिफ अली के कंधों पर आ गया था। उन्होंने एक गेंद बाद ही छक्का जड़ दिया। यह फरीद को नागवार गुजरा और अगली ही गेंद पर अफगानिस्तान के इस पेसर ने स्लोअर बाउंसर पर आसिफ अली को विकेट के पीछे कैच आउट करा दिया।
फरीद ने आसिफ को किया आउट
आसिफ का विकेट हासिल करने पर फरीद खुशी से झूमने लगे और उन्होंने पवेलियन की तरफ लौट रहे आसिफ को पीछे से आकर कुछ कहा। इससे आसिफ बौखला गए और उन्होंने फरीद को मारने के लिए बल्ला उठा लिया। यह देख अंपायर और अफगानिस्तान के खिलाड़ी उनकी तरफ दौड़े और उन्हें रोका, वर्ना कुछ भी हो सकता था।