मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में आज यहां आगामी मानसून ऋतु के दृष्टिगत आयोजित एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में मानसून पूर्व तैयारियों को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने संबंधित अधिकारियों को आगामी मानसून मौसम को ध्यान में रखते हुए नागरिक सुरक्षा के तहत स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करने, बांध प्रबंधन प्राधिकरणों के साथ व्यापक समन्वय स्थापित करने तथा अवरूद्ध सड़कों, पेयजल योजनाओं की बहाली के लिए व्यापक स्तर पर प्रबंध करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों को अपने-अपने स्तर पर कार्य योजना बनाने तथा कार्यान्वित कार्य करने को कहा।
बैठक में भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मानसून की प्रगति, पूर्ववर्ती मौसम रुझान एवं चेतावनी प्रणाली पर प्रस्तुति दी, जबकि केंद्रीय जल आयोग ने बाढ़ पूर्वानुमान एवं चेतावनी तंत्र की जानकारी साझा की। गृह रक्षा, नागरिक सुरक्षा एवं अग्निशमन सेवाएं विभागों सहित एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमों ने मानसून को लेकर की गई तैयारियों, उपकरणों और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया भंडार की जानकारी भी साझा की।
बैठक में वर्चुअल माध्यम से सभी जिलों के उपायुक्तों एवं अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने मानसून को लेकर की गई तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी।
इस दौरान प्राप्त हुए सुझावों, विचारों, फीडबैक तथा आवश्यक दिशा-निर्देशों पर विस्तृत चर्चा की गई ताकि मानसून मौसम के दौरान संभावित आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
इससे पूर्व, निदेशक एवं विशेष सचिव (राजस्व एवं आपदा) डीसी राणा ने प्रदेश में आगामी दक्षिण-पश्चिम मानसून को लेकर अब तक उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत, विभिन्न विभागों के सचिवों, विभागाध्यक्षों तथा राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, स्वास्थ्य, पुलिस, लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति, हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड, गृह रक्षा, अग्निशमन सेवा और संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।