शिमला:
भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय विद्युत क्षेत्र का उपक्रम एसजेवीएन लिमिटेड, की भारत सरकार और
हिमाचल प्रदेश सरकार के मध्य एक संयुक्त उपक्रम के रूप में 24 मई 1988 को स्थापना की गई। एसजेवीएन को वर्ष 2010 में स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध किया गया और भारत सरकार के पास 59.92% शेयर, हिमाचल प्रदेश सरकार के 26.85% शेयर और शेष 13.23%शेयर पब्लिक के पास हैं। इसकी स्थापना के पश्चात, एसजेवीएन ने हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी पर 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी जल विद्युत परियोजना का निर्माण आरंभ किया। भारत के सबसे बड़े भूमिगत विद्युत गृह के साथ यह जलविद्युत स्टेशन वर्ष 2003-04 में कमीशन किया गया। तब से, एसजेवीएन ने छह और विद्युत स्टेशनों को कमीशन किया है, जिसमें हिमाचल प्रदेश में 412 मेगावाट रामपुर जलविद्युत स्टेशन, महाराष्ट्र में 47.6 मेगावाट की खिरवीरे पवन ऊर्जा स्टेशन, गुजरात में 5.6 मेगावाट चारंका सौर ऊर्जा स्टेशन, गुजरात में 50 मेगावाट की सादला पवन ऊर्जा स्टेशन तथा हिमाचल प्रदेश में 1.31 मेगावाट ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर स्टेशन और 310 केडब्ल्यू ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट शामिल हैं। एसजेवीएन ने एकल राज्य में एकल परियोजना प्रचालन के साथ आरंभ किया और आज भारत के ग्यारह राज्यों में विद्युत परियोजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है तथा पड़ोसी देशों जैसे नेपाल और भूटान में परियोजनाओं को निष्पादित करके अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रवेश किया है। एसजेवीएन की वर्तमान स्थापित क्षमता 2016.51 मेगावाट (1912 मेगावाट जलविद्युत; 97.6 मेगावाट पवन ऊर्जा और 6.91 मेगावाट सौर ऊर्जा सहित) और 86 किमी 400 केवी ट्रांसमिशन लाइन है। इसके अलावा, अरुण-3 एचईपी से 217 किमी की एक और ट्रांसमिशन लाईन निर्माणाधीन है, जबकि कंपनी ने हिमाचल प्रदेश में 210 मेगावाट लूहरी एचईपी और 66 मेगावाट धौलासिद्ध एचईपी के लिए ट्रांसमिशन लाइनों के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। वर्तमान में एसजेवीएन का कुल परियोजना पोर्टफोलियो 41,028 मेगावाट है। एसजेवीएन का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 8,000 करोड़ रुपए के कैपेक्स लक्ष्य को हासिल करना है।
वर्ष 2003-04 में अपने पहले जल विद्युत संयंत्र की स्थापना के पश्चात, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई के रूप में एसजेवीएन ने
उल्लेखनीय व्यावसायिक सफलता हासिल की है और एसजेवीएन की वर्तमान प्रदत्त पूंजी और अधिकृत पूंजी क्रमशः 3,929.80 करोड़ रुपए और 7,000 करोड़ रुपए है। दिनांक 31.03.2022 को नेट वर्थ 13128.61 करोड़ रुपए है।
एसजेवीएन के लिए वर्ष 2021-22 एक और अच्छा वित्तीय वर्ष रहा जिसमें कुल राजस्व 2625.54 करोड़ रुपए दर्ज किया गया,जबकि कर पूर्व लाभ 1290.34 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 977.52 करोड़ रुपए रहा। प्रति शेयर आय (ईपीएस) 2.49 रुपए दर्ज की गई और एसजेवीएन ने वर्ष 2021-22 के लिए 1.70 रुपए प्रति शेयर के लाभांश की घोषणा की। एसजेवीएन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान पहली तिमाही के लिए अब तक का सबसे अधिक राजस्व और कर पश्चात लाभ (पीएटी) दर्ज किया है। कंपनी ने 607.79 करोड़ रुपए का पीएटी दर्ज किया जबकि राजस्व 1070.50 करोड़ रुपए रहा। पहले उच्चतम दर्ज राजस्व और पीएटी वित्तीय वर्ष 2015-16 में था, जब वे क्रमशः 920.35 करोड़ रुपए और 484.43 करोड़ रुपए था।
अधीनस्थ कंपनियां
(i) एसजेवीएन अरुण -3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्रा. लिमिटेड (एसएपीडीसी) नेपाल में स्थापित एसजेवीएन की पूर्ण स्वामित्व वाली
अधीनस्थ कंपनी है। कंपनी की स्थापना नेपाल के संखुवासभा जिले में 900 मेगावाट की अरुण-3 परियोजना को निष्पादित करने
के लिए की गई है।
(ii) एसजेवीएन थर्मल प्राइवेट लिमिटेड (एसटीपीएल) बिहार के जिला बक्सर में अवस्थित 1320 मेगावाट की बक्सर ताप विद्युत
परियोजना के निष्पादनार्थ स्थापित एक पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी है।
(iii) एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकासार्थ मार्च 2022 में एक पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी के
रूप में स्थापित किया गया है।
संयुक्त उपक्रम———————–
क्रॉस बॉर्डर पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (सीपीटीसी) – नेपाल से ट्रांसमिशन लाइन के भारतीय हिस्से के कार्यान्वयन के लिए
पावरग्रिड, आईएल एंड एफएस एनर्जी डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड और नेपाल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के साथ एसजेवीएन लिमिटेड की
एक संयुक्त उपक्रम कंपनी है। सीपीटीसी ने नेपाल से इंटरकनेक्शन पॉइंट ढालकेबार से भारत में मुजफ्फरपुर जहां सब स्टेशन पर एक बे
एक्सटेंशन बनाया गया है, तक 86 किमी लंबी ट्विन मूस, 400 केवी डी/सी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण और रखरखाव किया जा रहा
है। यह लाइन दिनांक 20.02.2016 को भारत और नेपाल के माननीय प्रधानमंत्रियों द्वारा संयुक्त रूप से राष्ट्र को समर्पित की गई।
वर्तमान में इस लाइन के माध्यम से नेपाल को लगभग 145 मेगावाट विद्युत का निर्यात किया जा रहा है।
खोलोंग्चू हाइड्रो एनर्जी लिमिटेड (केएचईएल) – भूटान में 600 मेगावाट की खोलोंग्चू जलविद्युत परियोजना को एसजेवीएन और ड्रूक
ग्रीन पावर कॉरपोरेशन (डीजीपीसी) भूटान के संयुक्त उपक्रम केएचईएल द्वारा निष्पादित किया जा रहा है।
पावर स्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन
1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी जल विद्युत स्टेशन : यह भारत का सबसे बड़ा भूमिगत पावर स्टेशन है और यह मई 2004 से
पूरी तरह से परिचालित है। एनजेएचपीएस की डिजाइन एनर्जी प्रति वर्ष 6612 मिलियन यूनिट है, लेकिन वितीय वर्ष 2020-22
में पावर स्टेशन ने 7098.93 मिलियन यूनिट का उत्पादन किया। एनजेएचपीएस ने 29 अगस्त 2022 को एक ही दिन में
39.526 मिलियन यूनिट ऊर्जा उत्पादित की और 39.524 मिलियन यूनिट के पिछले रिकॉर्ड को पार कर 18 जुलाई 2022 को
यह रिकॉर्ड प्राप्त किया।
412 मेगावाट रामपुर जल विद्युत स्टेशन : रामपुर हाइड्रो पावर स्टेशन एसजेवीएन की दूसरी परिचालित जल विद्युत
परियोजना है और एक कैस्केड प्लांट के रूप में नाथपा झाकडी पावर स्टेशन के साथ मिलकर काम करता है। 412 मेगावाट
रामपुर एचपीएस की डिजाइन ऊर्जा 1878 मिलियन यूनिट है, और पावर स्टेशन ने वितीय वर्ष 2020-21 में 1995.33
मिलियन यूनिट का उत्पादन किया। हाइड्रो पावर स्टेशन ने चालू वित्तीय वर्ष में 26 अगस्त 2022 को 10.908 एमयू का
उच्चतम दैनिक उत्पादन भी हासिल किया।
47.6 मेगावाट खिरवीरे पवन ऊर्जा स्टेशन: एसजेवीएन ने महाराष्ट्र के अहमदनगर में 47.6 मेगावाट क्षमता का अपना पहला
पवन ऊर्जा स्टेशन स्थापित किया है। स्टेशन को वर्ष 2014 में कमीशंड किया गया था और यह स्टेशन महाराष्ट्र राज्य ग्रिड
को 47.6 मेगावाट विद्युत उपलब्ध कर रहा है।
4. 5.6 मेगावाट चारंका सौर ऊर्जा स्टेशन: एसजेवीएन ने मार्च 2017 में गुजरात के चारंका सौर ऊर्जा स्टेशन में 5.6 मेगावाट
क्षमता का अपना पहला सौर स्टेशन चालू किया, जिसके लिए गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के साथ 25 साल के
विद्युत खरीद करार हस्ताक्षरित किया हैं।
5. 50 मेगावाट साडला पवन ऊर्जा स्टेशन: 50 मेगावाट की स्थापित क्षमता वाला साडला पवन ऊर्जा स्टेशन गुजरात के साडला में
है और एसजेवीएन की दूसरी पवन ऊर्जा परियोजना है। परियोजना के लिए विद्युत खरीद करार पर गुजरात ऊर्जा विकास
निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं।
6. 1.31 मेगावाट ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर स्टेशन एनजेएचपीएस: बधाल में 1 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र और एनजेएचपीएस के
सर्ज शाफ्ट में 310 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित और कमीशंड किया गया है। दोनों पावर स्टेशन ग्रिड से जुड़े हुए हैं।
7. 400 केवी, डी / सी क्रॉस बॉर्डर ट्रांसमिशन लाइन: भारत-नेपाल सीमा पार विद्युत पारेषण लाइन परियोजना पर भारतीय भाग
(सीपीटीसी) अर्थात मुजफ्फरपुर-सुरसंड विद्युत पारेषण लाइन (86 किमी) 400 केवी, डी/सी मुजफ्फरपुर-धालकेबार का कार्य पूरा
हो चुका है और फरवरी 2016 से परिचालन में है।
भावी प्रयास
भारत के प्रधान मंत्री भावी प्रयास ने एक महत्वाकांक्षी अक्षय ऊर्जा लक्ष्य अर्थात 2022 तक 175 गीगावाट और 2030 तक
500 गीगावाट निर्धारित किया है। उसी के साथ, एसजेवीएन का लक्ष्य 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट
और 2040 तक 50000 मेगावाट की कंपनी बनना है, जिसमें अक्षय ऊर्जा के पोर्टफोलियो को कई गुना बढ़ाया जाएगा। एसजेवीएन
पूरे भारत में सोलर, विंड, हाइब्रिड, फ्लोटिंग सोलर, ओशन हाइब्रिड प्लेटफॉर्म स्थापित करने के अवसरों की लगातार तलाश कर रहा
है। ये अवसर आम तौर पर प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रियाओं के रूप में होते हैं।
एसजेवीएन प्रति वर्ष 1-1.5 गीगावॉट की दर से परियोजनाओं को जोड़ने के लिए सौर, पवन और हाइब्रिड (सौर + पवन)
के लिए विभिन्न अन्य आगामी प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रियाओं में भागीदारी की आशा कर रहा है। इसके अलावा, एसजेवीएन सरकारी
एजेंसियों से परियोजनाओं के सीधे आवंटन की भी उम्मीद कर रहा है।
समाज के प्रति अभिरुचि – सीएसआर प्रयास
एसजेवीएन, एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट नागरिक होने के नाते, अपनी परियोजनाओं के आसपास रहने वाले समुदाय के
कल्याण के लिए सदैव प्रयासरत है तथा भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप कोविड तथा स्वच्छता एवं राष्ट्रभाषा हिन्दी को
बढ़ावा देने के लिए कंपनी ने एक सुविचारित कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व और स्थिरता नीति तैयार की है तथा कंपनी
अधिनियम, 2013 के अनुरूप उसे अपनाया है।
स्वास्थ्य देखभाल और स्वच्छता, शिक्षा और कौशल विकास, समाज के कमजोर वर्गों का सशक्तिकरण, लैंगिक समानता
को बढ़ावा देना, बुनियादी ढांचा और सामुदायिक विकास, संस्कृति, विरासत और खेल को बढ़ावा तथा संरक्षण देना, सतत विकास
को बढ़ावा देने तथा प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता करने के साथ सीएसआर और स्थिरता कार्यक्रम एसजेवीएन फाउंडेशन
के माध्यम से कार्यान्वित किए जाते हैं।
एसजेवीएन का मानना है कि एक मजबूत प्रशासन को विकसित करना और सर्वोत्तम प्रशासन रीतियों को अपनाना
सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में एसजेवीएन का कुल कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व, व्यय 51.66 करोड़
रुपए है तथा विविध और कुशल नेतृत्व टीम कंपनी के अपने कार्यबल, व्यावसायिक भागीदारों और ग्राहकों के बीच नैतिक व्यवसाय
रीतियों के उत्साही प्रचार के पीछे प्रेरक शक्ति है।
मोबाइल स्वास्थ्य सेवा वर्ष 2012 में 4 राज्यों यथा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और महाराष्ट्र के 11 जिलों, 101 ग्राम
पंचायतों और 197 सामुदायिक स्थानों को कवर करते हुए लोगों को उनके दरवाजे पर सुविधा प्रदान करने के लिए शुरू की गई
थी।एसजेवीएन अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और हमेशा सीएसआर कार्यक्रमों के माध्यम
से हितधारकों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सदैव प्रयासरत है तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए सर्वोत्तम रीतियों का भी
अनुपालन करता है।एसजेवीएन, व्यावसायिकता, जवाबदेही, स्थिरता, टीम भावना, उत्कृष्टता, नवाचार और विश्वास के अपने बहुमूल्य मूल्यों पर भरोसा करके अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में विश्वास करता है। हम, एसजेवीएन में वर्ष 2040 तक 50,000 मेगावाट की कंपनी बनने और यहां तक कि वर्ष 2047 तक 60,000 मेगावाट कंपनी बनने के लक्ष्य से आगे बढ्ने के अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के
लिए ‘देवी एप’ (देवी ऐप) (निर्णय लेने की क्षमता, दक्षता, मूल्य, अखंडता, वैकल्पिक प्रस्तावों और आयोजना) के सुनहरे मंत्र का
पालन कर रहे हैं।