शिमला शहर में तीन महीने में तेंदुए ने दो बच्चों को अपना निवाला बनाया है. पहले सात साल की बच्ची और अब पांच साल के योगराज को तेंदुए का शिकार होना पड़ा था. डाउनटेल और कनलोग में 15 कैमरे और 7 पिंजरे लगाए गए हैं. लोगों में खौफ बरकरार
हिमाचल प्रदेश में दिवाली की रात को शहर के ओल्ड बस के नीचे डाउनटेल बस्ती से तेंदुआ (Leopard in shimla) एक पांच साल के बच्चे को उठाकर ले गया था. यहां पर तेंदुए की दहशत बरकार है. अब पता चला है कि यहां एक नहीं, पांच तेंदुए घूम रहे हैं. इनमें तीन बच्चे और नर और मादा तेंदुआ है. डाउनटेल के अलावा, कनलोग में ये तेंदुए स्पॉट हुए हैं. रविवार को ये तेंदुए कैमरे में कैद हुए हैं.
दरअसल, कनलोग में पांच अगस्त को सात साल की बच्ची को तेंदुए ले गया था. उसके बाद यहां लगाए गए ट्रैप कैमरों लगाए गए थे. तीन महीने पहले भी यहां मादा तेंदुआ तीन बच्चों के साथ दिखी थी, लेकिन उस समय शावक छोटे थे और अब ये शावक बड़े हो गए हैं.
वन विभाग के एसीएफ अनिल ठाकुर ने पुष्टि करते हुए कहा वन विभाग की ओर से इस क्षेत्र में लगाए गए ट्रैप कैमरों में पांच तेंदुओं की मूवमेंट देखी गए है. इनमें एक मादा तेंदुआ भी है. इसके साथ तीन बच्चे घूम रहे हैं. वन विभाग के अनुसार एक और तेंदुए की मूवमेंट भी कैमरों से पता चली है. यह तेंदुआ काफी बड़ा है.कनलोग में लगाए गए पिंजरे के पास भी यह तेंदुआ पहुंचा था और इसके पंजों के निशान से अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह काफी बड़ा है. वन विभाग का कहना है कि अभी सभी तेंदुओं को पकड़ने की कोशिश की जा रही है.
केंद्रीय टीम ने बदली पिंजरों की लोकेशन
आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए शिमला पहुंची केंद्रीय वन्यजीव विभाग की टीम ने सोमवार को कनलोग के जंगल का निरीक्षण किया. इस दौरान जंगल में लगाए गए पिंजरों की लोकेशन बदली गई है. वन विभाग ने कनलोग और डाउनडेल एरिया में करीब आधा दर्जन पिंजरे लगाए हैं. अभी पिंजरों की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही, लेकिन कुछ नए ट्रैप कैमरे लगाए जा रहे हैं. एपीसीसीएफ अनिल ठाकुर ने बताया कि केंद्रीय टीम ने जंगल का दौरा किया है. पिंजरों की लोकेशन बदली जा रही है.