राजधानी से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां रामपुर के खनेरी स्थित नागरिक अस्पताल में छह साल के बच्चे की इंजेक्शन लगने से तबीयत बिगड़ी और उसे आईजीएमसी अस्पताल रैफर कर दिया गया है। आईजीएमसी में उपचार के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया।
बच्चे के परिजनों ने आरोप लगाया कि नर्स की लापरवाही से उनके बच्चे की जान गई है। उन्होंने बच्चे को गलत इंजेक्शन लगाने का दावा किया है। उनकी शिकायत पर रामपुर थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 336 व 304 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मृतक बच्चे के अंतिम संस्कार के बाद परिजनों ने न्याय के लिए पुलिस से गुहार लगाई है। फिलहाल इस घटना को लेकर कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। वहीं रामपुर अस्पताल प्रबंधन ने बच्चे के मौत मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने की बात कही है।
शिकायतकर्ता सेमल सिंह निवासी सांगला जिला किन्नौर ने पुलिस में दर्ज शिकायत में कहा कि छह वर्षीय बेटे अरिंदम सिंह को खांसी की शिकायत होने की वजह से 03 फरवरी को खनेरी अस्पताल लेकर गए थे। वहां चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर हरीश ने जांच कर दवाइयां लिखी और बच्चे को अस्पताल में दाखिल करने को कहा। इसके बाद नर्स ने बच्चे को एक इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगते ही बच्चा बुरी तरह से छटपटाने लगा। उसके मुंह से खून निकलने लगा। इस पर डॉक्टरों ने ईसीजी कर पाया कि बच्चे की हार्ट बीट बहुत बढ़ गई है। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन ने उनके बच्चे को आईजीएमसी रैफर कर दिया।
मृतक बच्चे के पिता के मुताबिक आईजीएमसी शिमला में बच्चे को आईसीयू में रखा गया। बच्चे की नाजुक हालत को देखते हुए हृदय रोग विशेषज्ञ ने बच्चे की इको कराई जिसमें पता चला कि उसके हार्ट ने पंप करना बंद कर दिया है। हृदय क्षतिग्रस्त हो चुका है। बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया था। 6 फरवरी की शाम बच्चे ने दम तोड़ दिया।
रामपुर के डीएसपी चंद्रशेखर ने शनिवार को बताया कि मृतक बच्चे का 4 दिन पहले अंतिम संस्कार हो चुका है। मृतक के पिता की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें फिलहाल किसी को नामजद नहीं किया गया है। जांच के बाद एफआईआर में आरोपितों को नामजद किया जाएगा।