सिरमौर : सड़क हादसे में चोटिल 26 साल का फौजी टीका राम लंबे संघर्ष के बाद जिंदगी की जंग हार गया। फरवरी माह में पांवटा साहिब में एक सड़क हादसे में घायल होने के बाद वो दिल्ली के सेना अस्पताल में जिंदगी व मौत के बीच संघर्ष कर रहा था।
मात्र 7 महीने की बेटी के सिर से पिता का साया उठ गया है। परिवार की पृष्ठभूमि सेना व पुलिस से जुड़ी है। शिलाई उपमंडल की झकाण्डों पंचायत का रहने वाला टीका राम उस समय सड़क हादसे में घायल हो गया था, जब वो पठानकोट से छुट्टी लेकर घर आया था। हादसे में घायल होने के बाद से ही 26 वर्षीय टीका राम कोमा में था।
पुलिस में तैनात बड़े भाई दिनेश ने बताया कि सड़क हादसे में उसे स्पाइनल इंजरी हुई थी। चार भाई-बहनों का टीका राम सबका लाडला इसलिए भी था, क्योंकि वो सबसे छोटा था। भारतीय सेना के जवान की पार्थिव देह को दिल्ली से वापस पैतृक गांव लाया जा रहा है।
24 वर्षीय पत्नी रुबीना की गोद में 7 माह की मासूम बच्ची को नहीं पता कि जब वो होश संभालेगी तो अपने पिता को नहीं देख पाएगी। चार महीने तक जिंदगी व मौत के बीच जंग लड़ने वाले फौजी के निधन पर समूचे शिलाई क्षेत्र में शोक की लहर है।