सिरमौर : कहते है प्रतिभा छुपाए नही छुपती, चाहे वह देश विदेश के किसी भी कौने में क्यों न हो जगजाहिर हो ही जाती है। तभी तो हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के दुर्गम अंधेरी गांव के प्रतिभावान युवा इंजीनियर विवेक कुमार (28) को सात समंदर पार से जाॅब का घर बैठे ऑफर आ गया। अमेरिका की एक ऑटोमोबाइल कंपनी ने विवेक को नौकरी का ऑफर दिया है। विवेक को अमेरिका के डेट्रायट (मिशिगन) की वूल्वरिन डाई कास्ट कंपनी ने महीने में 4,000 डॉलर यानी साढ़े तीन लाख रुपये का पैकेज देने की हामी भरी है। यह सालाना 42 लाख रूपये का पैकेज बनता है।
दरअसल, वर्ष 2019 में विवेक ने टाटा हैरियर कार के लिए मोल्ड (गाड़ी का बंफर) डिजाइन करने में अहम योगदान दिया था। इसके बाद विवेेक एक कंसल्टेंसी फर्म के साथ जुड़कर विदेेशी ऑटोमोबाइल कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं। एक घंटे के कंसल्टेंसी के विवेक 25 डॉलर लेते हैं। कंपनियों ने उनको जो ऑनलाइन काम किए हैं, वे 96 प्रतिशत किए हैं। इसके लिए फ्रीलेंसर जैसी साइट पर उन्हें 4.7 की स्टार रेटिंग मिली है। संगड़ाह के अंधेरी गांव के 28 वर्षीय युवा इंजीनियर को ऑटोमोबाइल का डिजाइन बनाने में महारथ हासिल है। विवेक ने बताया कि उन्हें कंपनी से ऑफर मिला है। कई अन्य कंपनियों ने भी उनके साथ काम करने के लिए हामी भरी है, लेकिन भविष्य में वह वूल्वरिन डाई कास्ट कंपनी के लिए सेवाएं देंगे। अब फिलहाल वह कंसल्टेंसी वर्क से प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं चंडीगढ़ में रह रहे विवेक अब तक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से 27 अलग-अलग प्रोजेक्ट पूरा कर चुके हैं।
कोरोनाकाल में की ये खास खोज-
विवेक कोरोना काल में घर पहुंचे तो एक ऐसे वायरलेस चार्जर वाले फोन कवर की खोज की, जिसमें थर्मामीटर सेंसर लगा था। ये कवर व्यक्ति के शरीर के तापमान को भी समझ सकता था। इसमें हाथ की सफाई के लिए उन्होंने यूवी लाइट का भी इस्तेमाल किया। विवेक ने 10वीं तक की शिक्षा घर के सरकारी स्कूल से हासिल की। शिमला के लालपानी स्कूल से 12वीं उतीर्ण करने के बाद सोलन के कुमारहट्टी स्थित इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया। इसके बाद हैदराबाद से बीटेक की। उनके पिता कांशीराम लोक निर्माण विभाग में वरिष्ठ ड्राफ्ट्समैन के पद हैं। विवेक अमेरिका की उड़ान कब तक भरेंगे, यह तो फिलहाल पता नहीं, लेकिन उनको विदेश से मिले नौकरी के ऑफर से गांव ही नहीं पूरे सिरमौर जिले के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।