यूजीसी स्केल न मिलने पर अब हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के साथ कालेज शिक्षक भी विरोध में उतर आए हैं। प्रदेश के सभी कालेजों में शिक्षकों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है और कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे पीछे नहीं हटेंगे। कॉलेज कैडर व विश्विद्यालय में शिक्षकों को नया यूजीसी स्केल न मिलने पर प्रदेश स्तर पर शिक्षकों ने कक्षाएं छोड़ आंदोलन करना शुरू कर दिया है। एचपीयू में शिक्षक कल्याण संघ ने सोमवार को दो घंटे की हड़ताल की, वहीं इन शिक्षकों ने पेपर मूल्यांकन पर भी रोक लगा दी है। शिक्षकों का कहना है कि 2018 में 27 राज्यों में यूजीसी स्केल लागू कर दिया गया था। वहीं राज्य में बाकि कर्मचारियों को नए पे कमीशन का लाभ दे दिया गया है, तो इनके साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है। तीन हजार शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि जल्द ही इनकी मांग पूरी न हुई, तो ये उग्र होंगे।
प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ ने सरकार द्वारा शिक्षकों को यूजीसी वेतनमान न देने के खिलाफ आंदोलन का फैसला लिया है। महासचिव जोगिंद्र सकलानी ने बताया कि यूजीसी वेतनमान शीघ्र जारी नहीं होने पर विश्वविद्यालय के शिक्षक उत्तर-पुस्तिकाओ का मूल्यांकन नहीं करेंगे। सभी राज्यों ने नए वेतनमान को लागू कर दिया है, लेकिन हिमाचल के शिक्षण संस्थानों में अभी तक विशेष की पे स्केल को लागू नहीं किया गया है। इसी के चलते कॉलेज केडर से जुड़े प्रोफेसर ने छात्रों के परीक्षा के मूल्यांकन कार्य को भी रोक दिया है। दूसरी ओर प्रदेश के 137 कॉलेजों में यूजी के 1 लाख 75 हजार छात्रों का परीक्षा परिणाम लटक गया है। उसका कारण यह है कि कुलपति के साथ बैठक के बाद भी कॉलेज कैडर यूनियन के प्रोफेसर ने मूल्यांकन कार्य को रोकने की बात की है।