उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकला 58 पर्वतारोहियों का दल मंगलवार सुबह हिमस्खलन की चपेट में आ गया। सूचना पर वायुसेना ने रेस्क्यू अभियान चलाकर 26 लोगों को बचा लिया जबकि चार लोगों के शव ही निकाले जा सके। शेष 28 पर्वतारोही लापता बताए जा रहे हैं। शाम को मौसम खराब होने पर बचाव अभियान रोक दिया गया। अब बुधवार सुबह फिर से बचाव अभियान चलाया जाएगा।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में माउंट द्रौपदी का डांडा-द्वितीय शिखर पर हुए हिमस्खलन से अब तक 10 पर्वतारोहियों की जान जा चुकी है। इस दिल दहला देने वाले हादसे में 22 लोग अभी भी लापता है। इस हादसे में हिमाचल के भी 3 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। पर्वतारोही दल में हिमाचल के 5 लोग शामिल थे। इन में कर्नल दीपक वशिष्ट कैंथला, शिवम कैंथला और अंशुल कैंथला लापता हैं। ये तीनों शिमला जिले के नारकंडा के रहने वाले हैं। इसके अलावा, कांगड़ा के राहुल राणा को रेस्क्यू किया गया। लेफ्टिनेंट अनुराधा बेस कैंप में सुरक्षित हैं।
हिमस्खलन में जिन दस लोगों की जान गई है उनमें से चार लोगों के शव निकाले जा चुके हैं और अन्य लापता की तलाश जारी है। अब तक 14 लोगों का सकुशल रेस्क्यू किया गया है। इसी बीच हिमस्खलन में फंसे पर्वतारोहियों को बचाने के लिए हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग (एचएडब्ल्यूएस) के जांबाज आज सुबह जांबाज देहरादून से उत्तरकाशी के लिए रवाना हो गए हैं। वायु सेना के हेलीकॉप्टर की मदद से इन्हें लोकेशन तक भेजा जाएगा।