हिमाचल प्रदेश ने 18 साल से ज्यादा आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन लगाने का अपना टारगेट पूरा कर लिया है। 101.6 फीसदी टारगेट पूरा कर लिया गया है। अब राज्य सरकार ने वैक्सीन की दूसरी डोज की ओर फोकस करना शुरू कर दिया है। वहीं हिमाचल के वैक्सीनेशन मॉडल को दूसरे राज्य भी अपनाएं, इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कसरत शुरू हो चुकी है।
हिमाचल में 54 लाख 72 हजार 527 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने प्रदेश स्वास्थ्य सचिव से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। जिसका अध्ययन करके अन्य राज्यों को भी हिमाचल की तरह काम करने की सलाह दी जाएगी। जिस तरह से हिमाचल में पहले डोज का अभियान चलाया गया। उसी तरह दूसरी डोज का भी अभियान प्रदेश में चलाया जाएगा।
हालांकि पहली डोज लगाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था, क्योंकि स्लॉट बुकिंग का पचड़ा था। मगर जैसे ही सरकार ने इन परेशानियों को खत्म किया, वैक्सीन लगना शुरू हो गई। वहीं केंद्र से भी निरंतर सप्लाई मिलती रही। ऐसे में 18 साल से ऊपर के पात्र लोगों ने आगे आकर वैक्सीन लगाने में दिलचस्पी दिखाई। जिसके चलते प्रदेश में पहले रोज का 100 फ़ीसदी लक्ष्य पूरा कर लिया है।
वर्तमान में यह 101.6 फीसदी से ऊपर चला गया है। हिमाचल में अभी तक 17.50 लाख लोगों को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है और इसमें जो भी गैप बचा है, उसे अब 30 नवंबर तक पूरा करने का लक्ष्य स्वास्थ्य विभाग ने रख दिया है, यानी 30 नवंबर तक हिमाचल की सारी आबादी दोनों डोज के साथ वैक्सीनेट हो जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में फील्ड में तैनात अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं।
हिमाचल के पास अभी भी 8 लाख वैक्सीन की डोज हैं। वैक्सीन की लगातार सप्लाई केंद्र से मिल रही है। ऐसे में हिमाचल के पास वैक्सीन की फिलहाल अभी कोई कमी नहीं दिख रही है। जिसकी बदौलत दूसरी डोज लगाने का कार्य भी बेहतर तरीके से चलता रहेगा।
प्रधानमंत्री मोदी कर सकते हैं स्वास्थ्य वर्करों से वर्चुअली बात
स्वास्थ्य विभाग के सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां के मॉडल को जानने के लिए स्वास्थ्य वर्करों से बात करने की सोची है, ताकि वह अपने मन की बात कार्यक्रम में हिमाचल के बारे में बता सके। उन्होंने प्रदेश को वैक्सीनेशन में 100 फ़ीसदी लक्ष्य हासिल करने पर शाबाशी भी दी है।
जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की और से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी गई है, ताकि यहां के मॉडल को स्टडी करके अन्य राज्यों पर भी लागू किया जा सके। दरअसल 100 फ़ीसदी वैक्सीनेशन के टारगेट को पूरा करने के लिए हिमाचल प्रदेश के लोगों की जागरुकता और स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों का मिलाजुला गठजोड़ काम आया।