हमीरपुर : नादौन के जंगलू गांव में वीरवार को एक घर में मां, बेटे की अर्थी एक साथ निकलने से पुरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। वीरवार सुबह मां व बेटे की चिता एक साथ जलाई गई। अंतिम संस्कार के समय आसपास के क्षेत्रों के सैकड़ों लोगों ने मां बेटे को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। मौके पर माहौल ग़मगीन था। मां बेटे को एक साथ विदाई देते हुए हर किसी की आंखें नम थी।
गौर हो कि गांव की क्रोधू देवी (100) का बुधवार दोपहर निधन हो गया, जिसके चलते पूरा परिवार उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां करने लगा। वीरवार को उनके अंतिम संस्कार का निर्णय लिया गया। उनके बेटे रिटायर्ड सूबेदार रतन सिंह स्वयं सारा इंतजाम देख रहे थे। उन्होंने लकड़ियां आदि का भी इंतजाम कर लिया था, परंतु बुधवार शाम करीब 7:30 बजे रतन सिंह को अचानक दिल का दौरा पड़ा और उनका भी देहांत हो गया। एक ही घर 2 मौतों ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया। पूरे क्षेत्र भर में शोक की लहर दौड़ गई।
ग्रामीणों ने बताया कि रतन सिंह बहुत मिलनसार थे और सामाजिक कार्य में हमेशा आगे रहते थे। वह 28 वर्ष तक सेना में रहे और अपनी बड़ी मूछों को लेकर पूरे क्षेत्र भर में लोकप्रिय थे। वीरवार सुबह जब घर से एक साथ मां बेटे की अर्थी निकाली गई तो हर आंख नम हो गई। दोनों की चिताएं एक साथ लगाई गई। क्रोंधू देवी की पार्थिव देह को उनके छोटे बेटे मनजीत सिंह तथा रतन सिंह की देह को उनके बेटे शम्मी ने मुखाग्नि दी। मां बेटे का अंतिम संस्कार प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल बिल्व कालेश्वर के घाट पर किया गया।