शिमला. विपक्ष के नेता के रुप में सरकार को हर मोर्चे में घेरने में कामयाब रहे मुकेश अग्निहोत्री की ताजपोशी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद हो रही है। जिससे साफ है कि मुकेश अग्निहोत्री के नेतृत्व में ही आगामी विधानसभा चुनाव होंगे। प्रदेशाध्यक्ष पद पर ताजपोशी होने से अग्निहोत्री मुख्यमंत्री के चेहरे के रुप में प्रदेश की जनता के सामने आएंगे। प्रदेशाध्यक्ष की कमान मुकेश अग्निहोत्री को मिलने के साथ ही विधानसभा में विपक्ष के नेता के रुप में कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू की ताजपोशी पर भी हाईकमान ने मुहर लगा दी है। कांग्रेस हाईकमान जल्द ही दोनों की ताजपोशी का ऐलान कर देगी। जिससे अब प्रदेश के दो युवा और तेज तर्रार नेता मुकेश अग्निहोत्री और सुखविंदर सिंह सुक्खू मिलकर भाजपा सरकार को घेरेंगे और प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता में वापसी कराएंगे। प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला के साथ मुकेश अग्निहोत्री और सुखविंदर सिंह सुक्खू की लगातार लंबी मीटिंग दिल्ली में हुई। जिससे प्रदेशाध्यक्ष और सीएलपी नेता की ताजपोशी पर चर्चा के बाद सहमति से निर्णय लिया है। राजीव शुक्ला की मीटिंग के बाद नेताओं ने राष्ट्रीय महासचिव संगठन वेनुगोपाल के साथ मीटिंग की। पहले मुकेश अग्निहोत्री वेनुगोपाल से मिले तो उसके बाद सुक्खू ने वेनुगोपाल के साथ मीटिंग की। सूत्रों की माने तो दोनों नेता प्रदेशाध्यक्ष पद ही दावेदारी कर रहे थे। इन दो नेताओं के अलावा कई सीनियर नेता भी दिल्ली हाईकमान के समक्ष अपने बात पहुंचाते रहे हैं। सुक्खू के अलावा मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह का नाम भी प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए सामने आया। दलील यह दी गई कि जो नेता विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहा है, उसे जिम्मेदारी दी जाए। अग्निहोत्री को प्रदेशाध्यक्ष पद पर हो रही ताजपोशी रोकने के लिए कुछ नेता वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर को ही चुनाव तक कुर्सी पर बने रहने की दलील देते रहे हैं तो कुछ नेता धनीराम शांडिल्य को प्रदेशाध्यक्ष बनाने की वात हाईकमान के समक्ष रखते रहे हैं। सूचना यह भी है कि मुकेश अग्निहोत्री को रोकने के लिए कई नेताओं ने प्रयास किए लेकिन वह कामयाब नहीं हो सके। इसका कारण यह है कि मुकेश अग्निहोत्री ने चार साल विपक्ष के नेता पद की भूमिका बेहतर ढंग से निभाई है। पार्टी हाईकमान ने भी प्रदेशाध्यक्ष पद पर मुकेश अग्निहोत्री और सीएलपी के पद पर सुखविंदर सिंह सुक्खू की ताजपोशी पर मुहर लगा दी है। यह सूचना मीटिंग में शामिल सीनियर कांग्रेसी नेता से प्राप्त हुई है। उनके अनुसार हाईकमान 72 घंटे के अंदर अपने निर्णय का ऐलान कर देगा। संभावना है कि 6 अप्रैल को मंडी में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल की रैली के बाद ही यह ऐलान हो जाए। मुकेश अग्निहोत्री और सुक्खू अभी दिल्ली में ही हैं। उम्मीद है कि ऐलान होने के बाद ही दोनों नेता एकजुटता दिखाते हुए हिमाचल प्रदेश में दस्तक देंगे।
कांग्रेस पार्टी में परदे के पीछे प्रदेशाध्यक्ष को बदलने की मांग हाईकमान के समक्ष उठती रही है। पार्टी के सीनियर नेता हाईकमान से मिलकर प्रदेशाध्यक्ष को बदलने की मांग करते रहे हैं। कांग्रेस में प्रदेशाध्यक्ष पद के दावेदारों की लंबी लाइन थी। जिसमें पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर, रामलाल ठाकुर, मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह, पूर्व मंत्री आशा कुमारी के साथ मुकेश अग्निहोत्री और सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रमुख दावेदार थे। वहीं वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठोर दावा करते रहे कि पंजाब में आए परिणाम के बाद पार्टी हाईकमान नेतृत्व में बदलाव नहीं करेगा। लेकिन पार्टी के अंदर प्रदेशाध्यक्ष को बदलने की मांग होती रही है। आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए प्रदेशाध्यक्ष को बदलने की मांग तेजी होती गई। जिससे हाईकमान के समक्ष प्रमुख दावेदारों में मुकेश अग्निहोत्री और सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम ही प्रमुख दावेदारों के रुप में बचे थे। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता रुप में मुकेश अग्निहोत्री ने हर मोर्चे पर सरकार को घेरा। अग्निहोत्री सदन से लेकर सड़क तक सरकार पर लगातार हमले करते रहे और अग्निहोत्री के उठाए मुद्दों पर सरकार बैकफुट पर खड़ी नजर आती रही है। साढ़े चार साल तक सरकार के साथ संघर्ष करने के कारण कांग्रेस हाईकमान ने मुकेश अग्निहोत्री को प्रदेशाध्यक्ष पद की कमान सौंपने का निर्णय लिया है। वहीं पूर्व में प्रदेशाध्यक्ष रह चुके सुक्खू को विधानसभा में विपक्ष के नेता पद की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया है। पार्टी प्रदेशाध्यक्ष और विधानसभा में विपक्ष के नेता पद पर ताजपोशी होने से पार्टी में नई जान आएगी। जिससे अब कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी जमीन में संघर्ष में तेज होगा।