वाहनों के चालान से तो हर कोई वाकिब ही है. वहीं अब तो ऑनलाइन भी चालान हो रहे हैं. आप अपनी गाड़ी से कहीं भी ट्रैवल कर रहे हो, अगर यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो ट्रैफिक पुलिस आपका चालान काट देगी. जिसका मैसेज आपको आपके मोबाइल पर ही मिल जाएगा.
हिमाचल सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग ने चंडीगढ़ के एक ऑटो ड्राइवर का 27,500 रुपए का चालान काटा है। हैरानी की बात है कि ऑटो चालक अपने ऑटो को ट्राईसिटी(चंडीगढ़-पंचकूला-मोहाली) से कभी बाहर ही नहीं लेकर गया। ऑटो चालक यह चालान मिलने के बाद से घबराया हुआ है। उसका कहना है कि इतनी उसकी महीने की कमाई नहीं है, जितने का चालान भेज दिया गया।
दुर्गा नंद राय नामक ऑटो चालक ने बताया कि वह कभी भी ऑटो को लेकर इतनी दूर हिमाचल प्रदेश नहीं गए। हालांकि उन्हें उनके ऑटो नंबर पर 27,500 रुपए का चालान भरने का मोबाइल पर मैसेज आया है।
मामले में अनोखी बात यह है कि गाड़ी(ऑटो) का नंबर और मोबाइल तो दुर्गा नंद का है मगर चालान स्लिप पर नाम किसी राम लाल का है। ऐसे में इस चालान को लेकर दुर्गा नंद दुविधा में फंस गए हैं। हिमाचल सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग के पास दुर्गा नंद के ऑटो और मोबाइल नंबर कैसे पहुंचा यह भी हैरान करने वाली बात है।
हिमाचल प्रदेश स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी, शिमला ने 27 नवंबर को लगाई नेशनल लोक अदालत में इस चालान को भरने के लिए दुर्गा नंद के नंबर पर मैसेज भेजा है। यह ट्रैफिक का ई-चालान जारी किया गया था। ऑनलाइन चालान भरने की जानकारी देते हुए बताया गया है कि बद्दी(हिमाचल प्रदेश) में HR68B 8822 नंबर ऑटो का चालान हुआ था।
चालान स्लिप पर फीस 27,500 रुपए बताई गई। कहा गया है कि चालान RTO ऑफिस या लोक अदालत में जमा करवाया जा सकता है। वहीं चालान जमा न करवाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। RTO, शिमला मंजीत शन्ना ने यह चालान भरने के आदेश जारी किए हैं।
तीन साल पहले पत्नी की मौत हो चुकी
दुर्गा नंद चंडीगढ़ के मक्खन माजरा में रहता है और लगभग 3 साल पहले उसकी पत्नी की मौत हो गई थी। अपने बच्चों को स्कूल के लिए तैयार कर खाना बना काम पर निकलता है। गरीबी में गुजर-बसर कर रहे दुर्गा नंद के पास ‘की-पैड’ वाला सस्ता मोबाइल है। अब उसे हिमाचल का विजिट कर अपनी सफाई पेश करनी होगी।
पहले भी हिमाचल RTO कर चुका गलती
चंडीगढ़ ऑटो यूनियन के प्रेसिडेंट अनिल कुमार ने बताया कि इससे पहले भी बीते अक्तूबर में एक कैब चालक का 35 हजार रुपए का चालान आया था। वह घबराकर हिमाचल प्रदेश पूछताछ के लिए गया था। वहां RTO ने कहा कि गलती से यह ई चालान जारी हो गया। अनिल कुमार ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश RTO विभाग को अपनी गलती सुधारनी चाहिए।