सरकारी स्कूलों में छात्रों की इनरोलमेंट बढऩे के कई दावे किए जाते हैं, लेकिन सरकार के आकंड़े कुछ और ही ब्यां कर रहे हैं। मंगलवार को रमेश सिंह धवाला के सवाल जवाब में शिक्षा मंत्री के लिखित जवाब में आया कि प्रदेश में 131 ऐसे प्राथमिक स्कूल हंै, जहां पर एक भी छात्र नहीं है। वहीं, 1957 ऐसे स्कूल हैं, जहां पर दस से कम छात्रों की पढ़ाई हो रही है। विधानसभा में बताया गया कि जिन स्कूलों में छात्र नहीं है, उन्हें बंद करने के सरकार की ओर से कोई संकेत नहीं है। शिमला के 485 सरकारी स्कूलों में 10 से भी कम छात्र हैं। वहीं, जिला के 32 स्कूलों में एक भी छात्र नहीं है।
प्राथमिक स्कूलों के इस आंकड़े से साफ तौर पर झलकता है कि अभी भी अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजना नहीं चाहते हैं। विधायक रमेश धवाला के पूछे गए सवाल पर शिक्षा मंत्री ने यह जानकारी दी। हैरानी इस बात की है कि कई बार 10 से कम संख्या वाले स्कूलों को बंद करने की बात की गई, वहीं उन्हें नजदीकी स्कूलों के साथ भी मर्ज करने का मामला उठा है। अब देखना होगा कि कम संख्या वाले स्कूलों पर आगामी क्या फैसला सरकार आने वाले समय में करती है।
4000 शिक्षक भरे जाएंगे
सदन में आए एक सवाल पर शिक्षा मंत्री का लिखित जवाब आया कि 2021-22 के बजट भाषण में की गई घोषणानुसार शिक्षा विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 4000 शिक्षकों के पदों को भरा जाना है। वहीं 577 पद कॉलेज प्राध्यापकों के भी भरे जाने प्रस्तावित हैं।
देहरा में 219 पद खाली
विधायक के सवाल पर लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री ने बताया कि देहरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में विभिन्न श्रेणियों के 219 पद रिक्त हैं। इन रिक्त पदों को सीधी भर्ती एवं पदोन्नति द्वारा भरने के प्रयास जारी हैं।
जिला स्कूल स्कूल
(शून्य छात्र) (10 से कम छात्र)
बिलासपुर 08 76
चंबा 10 155
हमीरपुर 06 64
कांगड़ा 24 288
किन्नौर 08 69
कुल्लू 08 98
लाहुल 01 147
मंडी 27 335
शिमला 32 485
सिरमौर 03 112
सोलन 03 88
ऊना 01 40