हिमाचलः दुनिया छोड़कर भी पांच लोगों को नई जिंदगी दे गईं निशा ठाकुर, पढ़े पूरी खबर…….

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निशा का मतलब है रात…और रात यानी अंधेरा…! लेकिन यहां निशा लोगों की जिंदगी का अंधेरा दूर कर गई. 5 लोगों को जिंदगी दी और उनकी दुनिया रोशन कर गई. मामला हिमाचल प्रदेश से जुड़ा है. दरअसल, हिमाचल के जिला मंडी के सुंदरनगर निवासी 43 वर्षीय निशा ठाकुर को पीजीईआई में इलाज के दौरान ब्रैन डेड घोषित कर दिया गया था. अब उनके शरीर के अंगों को दान कर दिया गया है. निशा का दिल अब उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में धड़केगा.
बेशक, निशा ठाकुर अब इस दुनिया में नहीं रहीं हैं, लेकिन पीजीआई चंडीगढ़ में उपचार के दौरान दुनिया को अलविदा कहने के साथ ही उन्होंने पांच जरूरतमंद मरीजों को नई जिंदगी दी. दिल्ली एम्स में उपचाराधीन गाजियाबाद के मरीज को निशा का दिल ट्रांसप्लाट किया गया.
साथ ही पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती चार मरीजों को निशा की किडनी, कॉर्निया और पैंक्त्रियाज ट्रासप्लाट किया गया. मीडिया से बातचीत में पीजीआई निदेशक प्रो. सुरजीत सिंह ने बताया कि निशा के परिवार की सहमति से यह अंगदान संभव हुआ है. गाजियाबाद की 39 वर्षीय महिला को गंभीर बीमारी थी. वह पिछले कई दिन से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थी. निशा के परिजनों ने हार्ट ट्रांसप्लांट का फैसला किया और एम्स दिल्ली में भर्ती महिला की जान बच गई.
चंडीगढ़ से दिल्ली पहुंचाया गया दिल पीजीआइ चंडीगढ़ से टेक्नीकल एयरपोर्ट चंडीगढ़ के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. ग्रीन कॉरिडोर के जरिये निशा ठाकुर के दिल को स़ुरक्षित फ्लाइट के जरिये दिल्ली पहुंचाया गया. बीते दो जनवरी को मृतका निशा ठाकुर अपने पति दिनेश ठाकुर के साथ स्कूटर पर काम के सिलसिले में बाजार जा रही थी, इसी दौरान वह हादसे का शिकार हो गए. हादसे में पति दिनेश को भी चोटें आई थी और निशा के सिर में गंभीर चोट लगी. गंभीर हालत में निशा ठाकुर को मोहाली के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया. बाद में वहां से निशा को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया. बाद में निशा ठाकुर को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. अब निशा ठाकुर के अंगदान के जरिए पीजीआई में इलाज के लिए भर्ती चार मरीजों को नई जिंदगी दी गई. पीजीआई निदेशक प्रोफेसर सुरजीत सिंह ने कहा कि निशा ठाकुर के पति दिनेश कुमार ठाकुर ने साहस और हिम्मत दिखाकर अपनी पत्नी के अंगदान का फैसला किया. इसके लिए प्रशासन उनका शुक्रिया अदा करता है. बता दें कि अंगदान को लेकर पंजीकरण प्रक्रिया होती है. और पीजीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर इसकी जानकारी उपलब्ध है.


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