मंडी. 12वीं में साथ पढ़ते थे. पढ़ाई के दौरान पुष्पराज का दिल हिमा पर आ गया. फिर क्या था…प्यार का इजहार किया. हिमा भी पुष्प राज को पंसद करती थी और इसलिए पुष्प राज के प्रपोजल को स्वीकार कर लिया. लेकिन दोनों के प्यार की राह में सबसे बड़ी मुश्किल थी दिव्यांगता.
12वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान व्हील चेयर पर बैठे लड़के से लड़की को प्यार हो गया। वो प्यार क्षणिक नहीं था। 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद दोनों ने अलग-अलग स्नातक की पढ़ाई पूरी की। दिव्यांग लड़के ने सिविल टे्रड में बीटेक की पढ़ाई की तो लड़की ने मंडी काॅलेज से राजनीतिक शास्त्र में स्नातकोत्तर शिक्षा हासिल की। अब दोनों ने सात फेरे लेकर एक-दूसरे का साथी बनने का फैसला लिया है।
बल्ह विधानसभा क्षेत्र के सिद्धयाणी के पुष्पराज व रिवाल्सर के चढी गांव की रहने वाली हिमा देवी की शादी पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है।
मामला हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले का है. मंडी जिला के उपमंडल बल्ह की ग्राम पंचायत सिध्याणी के गांव भावत में एक शादी की काफी चर्चा है. दुल्हन के परिजनों ने जब दुल्हन और दुल्हे की पूरी कहानी को बयां किया तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गई. दिव्यांग दूल्हे से शादी करने पर हिमाचल की लोग तारीफ कर रहे हैं.
वर्ष 2013 में 12 वीं की पढ़ाई के दौरान हिमा और पुष्पराज को एक दूसरे से प्यार हो गया. दोनों ने 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद अलग-अलग राह चुनी और ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. पुष्पराज ने जहां सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की तो वहीं लड़की ने मंडी कालेज से राजनीतिक शास्त्र में एमए किया.
चढी गांव की हिमा देवी के पिता नोताराम लोक निर्माण विभाग में लेबर का कार्य करते हैं। शादी से पहले जब हिम्मत कर हिमा ने माता-पिता को अपनी पसंद के बारे में बताया था तो उन्होंने सहर्ष ही इसे स्वीकार कर लिया। अनूठी शादी में गांव का हर शख्स गवाह बना। बुजुर्गों के आशीर्वाद के साथ जीवनसंगिनी हिमा के साथ बैसाखियों के सहारे सात फेरे लिए।
उल्लेखनीय है कि 2010 में एक हादसा उस समय हुआ था, जब धार्मिक कार्य के लिए लोग एक ट्रक में जा रहे थे। ट्रक खाई में गिरा। हादसे के वक्त पुष्पराज नौंवी कक्षा में सिद्धयाणी स्कूल में ही पढ़ता था। कुल मिलाकर ये शादी समाज के लिए एक प्रेरणा है।