सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश को मकर संक्रांति कहते हैं। मकर संक्रांति इस बार दो दिन 14 और 15 जनवरी को मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि कुछ पंचागों के अनुसार 14 जनवरी तो कुछ के अनुसार 15 जनवरी को मकर संक्रांति है। मार्तण्ड, शताब्दी पंचाग के अनुसार 14 जनवरी को सूर्य दिन में 2:43 उत्तरायण होंगे और मकर राशि में प्रवेश करेंगे। पुण्यकाल 14 जनवरी को दिन में 2:43 से सांयकाल 5:34 तक रहेगा। वहीं महावीर पंचांग के अनुसार 14 जनवरी की रात्रि 8 :49 पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। सूर्यास्त के बाद सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो संक्रांति होने पर पुण्यकाल अगले दिन मान्य होता है। इस पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। मकर संक्रांति के बाद स्नान दान का महत्व होता है। इस दिन काले तिल, गुड़, खिचड़ी, कम्बल आदि का दान विशेष फलदाायी होता है।
मकर संक्रांति के दिन रोहणी नक्षत्र और ब्रह्म योग बन रहा है। यह खास संयोग कई राशियों के लिए शुभ परिणाम लेकर आएगा। सूर्य के मकर राशि में आने से मकर संक्रांति के दिन 29 वर्ष बाद 3 ग्रहों का संयोग बनेगा। जिसमें सूर्य, बुध और शनि तीन ग्रहों की युति से त्रिग्रही योग बनेगा। ज्योतिषानुसार अगर कुंडली में सूर्य शनि का दोष है तो मकर संक्रान्ति पर्व पर सूर्य उपासना से पिता पुत्र के खराब संबंध अच्छे होते है। सूर्य के अच्छे प्रभाव से यश, सरकारी पक्ष और पिता से लाभ व आत्मविश्वास बढ़ता है।
इस बार 14 और 15 जनवरी दो दिन मनेगी मकर संक्रांति, जानें क्यों………………..
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