सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएनएल) के अध्यक्ष एवं प्रबन्धक निदेशक नन्द लाल शर्मा ने आज यहां मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री से एसजेवीएनएल द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं के बारे में चर्चा की।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि एसजेवीएनएल ने 210 मेगावाट क्षमता की लुहरी चरण-1 परियोजना, 66 मेगावाट क्षमता की धौलासिद्ध और 382 मेगावाट क्षमता के सुन्नी डैम का निर्माण कार्य प्रदेश सरकार के साथ इम्प्लीमेंटेशन एग्रीमेंट किए बिना आरम्भ कर दिया है। उन्होंने इस पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इसके बारे में बार-बार आग्रह किए जाने के बावजूद एसजेवीएनएल ने सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कोई कदम नहीं उठाया है। इसी कारण प्रदेश सरकार ने एसजेवीएनएल को नोटिस जारी किया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि एसजेवीएनएल की जल विद्युत परियोजनाओं में प्रदेश को 20, 30 और 40 प्रतिशत की दर से रॉयल्टी प्रदान की जाए। वर्तमान में 12 वर्ष के लिए 12 प्रतिशत, अगले 18 वर्ष के लिए 18 प्रतिशत और अन्तिम 10 वर्ष के लिए 30 प्रतिशत की दर से रॉयल्टी प्रदान करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि जिन परियोजनाओं की निर्माण लागत पूर्ण हो चुकी है उनमें रॉयल्टी 30 प्रतिशत की दर से प्रदान की जाए तथा परियोजना कार्यशील होने के 40 वर्षों की अवधि के उपरान्त इन्हें प्रदेश सरकार को हस्तांतरित कर दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल की नदियों में बहने वाला जल प्रदेश का अमूल्य संसाधन है। जल विद्युत परियोजनाओं द्वारा इस संसाधन का दोहन तो किया जा रहा है, परन्तु प्रदेशवासियों को अब तक उससे वांछित लाभ प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने जल उपकर के मुददे पर भी विस्तृत चर्चा की।
इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर भी उपस्थित थे।