श्री नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन को डॉ. वाई. एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है। डॉ. वाई. एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के 12वें दीक्षांत समारोह के दौरान मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने की, जबकि हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह इस अवसर पर मुख्य अतिथि रहे। यह प्रतिष्ठित सम्मान विदयुत उत्पादन और प्रशासन के क्षेत्र में श्री शर्मा के असाधारण योगदान को रेखांकित करता है, जिससे उनकी छवि एक अग्रणी दिग्गज के रूप में मजबूत हुई है। विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र, श्री नन्द लाल शर्मा ने वर्ष 1985 में कृषि में स्नातक की डिग्री हासिल की। श्री शर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने जन्म स्थान अर्थात् हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के गांव दोहक के समीप स्थित सरकारी स्कूलों से पूर्ण की। उनकी शानदार शैक्षणिक योग्यताओं में सीएसके हि.प्र. कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर से कृषि अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री और स्लोवेनिया के
लुबेनिया विश्वविद्यालय से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री शामिल है।
श्री नन्द लाल शर्मा ने वर्ष 1989 में प्रतिष्ठित हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा में एक अधिकारी के रूप में अपनी व्यावसायिक यात्रा आरंभ की। अपने संपूर्ण कार्यकाल के दौरान, इन्होंने सहायक आयुक्त, विशेष सचिव (जीएडी), निदेशक आयुर्वेद, विशेष सचिव (स्वास्थ्य) और हि.प्र. राज्य विदयुत बोर्ड के सचिव सहित प्रमुख पदों पर कार्य किया।
वर्ष 2008 में, श्री नन्द लाल शर्मा, कार्यकारी निदेशक (मानव संसाधन) के रूप में एसजेवीएन में शामिल हुए। इन्हें निदेशक (कार्मिक),
एसजेवीएन के रूप में चयनित किया गया और इन्होंने 22 मार्च, 2011 से नवंबर 2017 तक इस पद पर कार्य किया। मानव संसाधन में
इनके कार्यकाल में विभिन्न मानव संसाधन पहलों की अवधारणा और प्रभावी कार्यान्वयन को लागू किया गया।
इन्होंने एसजेवीएन फाउंडेशन के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया और कंपनी की सीएसआर गतिविधियों की आयोजना और निष्पादन
का कार्य भी देखा। इस दृढ़ विश्वास के साथ नेतृत्व करते हुए कि समाज के साथ साझा किए जाने पर किसी संगठन का विकास वास्तव
में सार्थक होता है, श्री शर्मा ने सीएसआर फाउंडेशन का मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
श्री नन्द लाल शर्मा ने दिसंबर 2017 में एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के रूप में पदभार संभाला, उत्कृष्टता के प्रति इनका
अटूट समर्पण एसजेवीएन को अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक रहा है। इनके दूरदर्शी नेतृत्व में, कंपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में
एक वैश्विक लीडर के रूप में उभरी है। इन्होंने एसजेवीएन को भारत और विदेश में तीव्रता से विकास की ओर अग्रसर किया और कंपनी
के पोर्टफोलियो को 5200 मेगावाट से बढ़ाकर 58000 मेगावाट से अधिक कर दिया है। इनके नेतृत्व ने कंपनी को हाइड्रो, थर्मल, सोलर,
विंड, ट्रांसमिशन, परामर्शी और पावर ट्रेडिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विकास में सहायता की।
प्रशासनिक और विद्युत क्षेत्र में 34 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ, श्री शर्मा ने चुनौतियों को अवसरों में परिवर्तित किया है और
एसजेवीएन को वर्ष 2026 तक 12000 मेगावाट के मिशन, वर्ष 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट की
स्थापित क्षमता के लक्ष्य की ओर अग्रसर किया है। प्रशासनिक और विद्युत क्षेत्र में इनके अनुकरणीय योगदान के लिए श्री नन्द लाल
शर्मा को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
वर्तमान में श्री शर्मा एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी, एसजेवीएन लोअर अरुण पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, एसजेवीएन थर्मल प्राइवेट लिमिटेड और एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अध्यक्ष भी हैं। इनके गतिशील नेतृत्व में, एसजेवीएन सभी क्षेत्रों में एक विविध अंतर्राष्ट्रीय विद्युत निकाय के रूप में विकसित हुआ है। यह मानद डॉक्टरेट उपाधि श्री शर्मा के अद्वितीय नेतृत्व और विदयुत क्षेत्र की वृद्धि एवं विकास के प्रति इनकी दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रमाण है। श्री शर्मा के उत्कृष्टता के दृढ़ लक्ष्य असंख्य व्यक्तियों और संगठनों को प्रेरित करते हैं और इनकी यात्रा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी