मेधावी विद्यार्थियों का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करेगी 200 करोड़ रुपए की मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना

Avatar photo Spaka News
Spaka News

4 लाख रुपए की वार्षिक आय व 28 वर्ष तक के युवा इस योजना के पात्र

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश का कोई भी युवा वित्तीय संसाधनों और आर्थिक अभाव के कारण व्यावसायिक शिक्षा से वंचित न रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना शुरू की है। यह योजना गरीब मेधावी विद्यार्थियों की उच्च अध्ययन की आवश्यकताओं जैसे रहने-खाने, ट्यूशन फीस, किताबें और अन्य शिक्षा संबंधी खर्चों के लिए 20 लाख रुपए तक का शिक्षा ऋण प्रदान करती है।
यह ऋण एक प्रतिशत की ब्याज दर पर प्रदान किया जाएगा। व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा जैसे इंजीनियरिंग, मेडिकल, पैरा-मेडिकल, फार्मेसी, नर्सिंग, कानून इत्यादि विषय में डिप्लोमा और डिग्री हासिल करने के लिए स्थायी (बोनाफाइड) हिमाचली विद्यार्थी जिन्होंने पिछली कक्षा में परीक्षा न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ उतीर्ण की हो, वह इस शिक्षा ऋण का लाभ उठा सकते हैं। इसके अतिरिक्त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) और बहुतकनीकी महाविद्यालयों से तकनीकी पाठ्यक्रम और मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों के अंतर्गत पीएचडी करने पर भी इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने पहले बजट भाषण में मेधावी विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाने के लिए 200 करोड़ रुपये की इस नई योजना की घोषणा की थी। हाल ही में प्रदेश मंत्रिमण्डल ने इस योजना को स्वीकृति प्रदान की है।
ऐसे विद्यार्थी जिनकी पारिवारिक आय सभी स्रोतों से 4 लाख रुपए प्रतिवर्ष से कम हो और लाभार्थी की आयु सीमा 28 वर्ष तक हो, इस योजना के लिए पात्र होंगे। यह सुविधा पत्राचार या ऑनलाइन पाठयक्रमों के माध्यम से शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों के लिए लागू नहीं होगी। योजना का लाभ केवल पूर्णकालिक पाठयक्रमों में शामिल विद्यार्थी ही उठा सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। एक प्रतिशत के ब्याज दर पर शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाने का राज्य सरकार का उद्देश्य वित्तीय संसाधनों से वंचित लोगों को सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि सामाजिक उत्थान में शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी व्यक्ति केवल वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण व्यावसायिक शिक्षा से वंचित न रहे।
इस योजना के अंतर्गत लाभ उठाने के लिए इच्छुक विद्यार्थी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सभी आवश्यक दस्तावेज जमा कर आवेदन कर सकते हैं। पात्र विद्यार्थी कोे निदेशक, उच्च शिक्षा द्वारा ऋण की पहली किस्त जारी करने के लिए संबंधित बैंक को मामले की सिफारिश की जाएगी। जब तक ऑनलाइन पोर्टल क्रियाशील नहीं होता है, तब तक उम्मीदवार एक निर्धारित प्रपत्र भर कर स्कैन किए गए दस्तावेजों को ईमेल के माध्यम से निदेशक, उच्च शिक्षा को भेज सकते हैं।
ऋण राशि के वितरण सम्बंधी किसी प्रकार के विलम्ब को दूर करने के लिए उपायुक्त स्तर पर एक कोष स्थापित किया जाएगा और वे संबंधित संस्था को शुल्क की पहली किस्त जारी करने के लिए अधिकृत होंगे, ताकि यदि बैंक पहली किस्त जारी करने में समय लेते हैं तो यह सुनिश्चित किया जा सके कि विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया किसी प्रकार से बाधित न हो। इसके उपरांत इस पैसे की प्रतिपूर्ति बैंक द्वारा संबंधित उपायुक्त को कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना की शुरूआत सभी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के समान अवसर प्रदान करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। सुलभ शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाकर प्रदेश सरकार का उद्देश्य मेधावी छात्रों को सशक्त बनाना और एक सफल और उज्ज्वल भविष्य की दिशा में उन्हें सहयोग प्रदान करना है।


Spaka News
Next Post

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज ओक ओवर शिमला में जन समस्याएं सुनीं

Spaka Newsमुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज ओक ओवर शिमला में जन समस्याएं सुनीं Spaka News

You May Like