प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला की फतेहपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे कृपाल परमार को फोन कर चुनाव से हट जाने को कहा। BJP के बागी परमार को PM ने कहा कि आप चुनाव से हट जाएं, मैं कुछ नहीं सुनूंगा।
इस दौरान बागी कृपाल परमार ने BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की PM से शिकायत करते हुए कहा कि नड्डा 15 साल से उन्हें जलील करते रहे हैं। इस पर PM ने कहा मैं देख लूंगा, अगर आपकी जिंदगी में मेरा कोई रोल है तो आप हट जाएं। फिर परमार कहते हैं आपका बहुत रोल है।
मेरे लिए यह भगवान का आदेश है। अंत में परमार कहते हैं, मोदी जी फोन दो दिन पहले हो जाता तो बेहतर होता। PM और कृपाल परमार की बातचीत का वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस पर लोग अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
कैसे बागी हुए कृपाल परमार?
कृपाल परमार पूर्व राज्यसभा सांसद हैं। वह नरेंद्र मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के करीबी रहे। वह परमार 2012 से लेकर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए BJP से टिकट की मांग कर रहे हैं। 2012 में उन्होंने देहरा विधानसभा सीट से टिकट की मांग की थी। मगर, पार्टी ने तब रविंद्र रवि को मैदान में उतारा।
कृपाल परमार छह साल के लिए पार्टी से बाहर
भारतीय जनता पार्टी ने बागी एवं पूर्व सांसद कृपाल परमार को छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है। अब पार्टी चाह रही है कि परमार चुनाव मैदान से हट जाए।
BJP ने बदले 10 सिटिंग MLA के टिकट, इसलिए बगावत
हिमाचल में इस बार भाजपा ने एंटी इनकमबेंसी कम करने के लिए 10 सिटिंग MLA के टिकट बदलने का प्रयोग किया है, लेकिन यह दांव उल्टा पड़ रहा है। इससे पार्टी में 21 सीटों पर बगावत हो गई है। अब बागी उम्मीदवार BJP के लिए मुसीबत बन गए हैं।
बागियों के उतरने से कई सीटों पर BJP की स्थिति टाइट हो गई है। इससे पार्टी को नुकसान का डर सता रहा है।
पार्टी के ये दिग्गज हुए बागी
फतेहपुर में कृपाल परमार, मंडी में प्रवीण शर्मा, बिलासपुर में सुभाष ठाकुर, बंजार में हितेश्वर सिंह, किन्नौर में तेजवंत नेगी, चंबा में इंदिरा ठाकुर, देहरा में होशियर सिंह, आनी से किशोरी लाल, करसोग से युवराज कपूर, बड़सर से संजीव शर्मा और नालागढ़ से केएल ठाकुर जैसे दिग्गज नेता बागी हुए हैं। इनमें से अधिकतर सीटों पर BJP मुश्किल में पड़ गई है।