हमीरपुर. हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक सप्ताह पहले सुसाइड करने वाले बांग्लादेशी युवक के शव का अंतिम संस्कार अब तक नहीं हो पाया है. युवक अवैध रूप से भारत पहुंचा था और फिर पत्नी और बच्चे के साथ हमीरपुर में बीते एक साल से रह रहा था. 21 फरवरी को शोभनन सरकार ने किराये के कमरे में सुसाइड कर लिया था.
दरअसल, अब इस आत्महत्या केस में सीबीआई की एनसीबी विंग ने दखल दिया और जांच की जा रही है. जिला पुलिस सीबीआई की गाइडलाइन पर ही काम कर रही है. मामला विदेशी नागरिक से जुड़ा है और इस वजह से स्टेट सीआईडी के साथ ही खुफिया एजेंसी भी सावधानी बरत रही है. मामले में कई पहलु हैं और उनकी जांच होना जरूरी है. जैसे युवक कैसे भारत पहुंची, किसकी मदद से भारतीय सीमा में दाखिल हुआ और फिर फर्जी आधार कार्ड बनाया, ये सभी जांच का विषय है. मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ ही मानवाधिकार से भी जुड़ा है.
21 फरवरी को बांग्लादेशी मूल के युवक शोभनन सरकार ने हमीरपुर में अपनी पत्नी से कहासुनी के बाद आत्महत्या कर ली थी. युवक ने मुस्लिम युवती से शादी की थी और फिर बांग्लादेश से यहां पहुंचे थे. अलग समुदाय की लड़की से शादी करने की वजह से शोभनन को बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था. युवक की पत्नी को विदेशी अधिनियम की धारा-14 के अंतर्गत आरोपी बनाया गया है और वह जेल में है. दोनों की 5 वर्षीय बेटी को वन स्टॉप सेंटर हमीरपुर में रखा गया है. बच्ची के नाना-नानी बांग्लादेश से यहां पहुंचकर उसका ख्याल रख रहे हैं. युवक के परिजनों से संपर्क किया गया है. उन्हें भारत आने का इंतजार है.
विदेश मंत्रालय के तरफ से जिला पुलिस को स्पष्ट निर्देश हैं कि इस मामले में जो भी आगामी कार्रवाई की जाएगी, उस बारे में सूचित किया जाए. एनसीबी की तरफ से गाइडलाइन पर ही पुलिस कि जांच आगे बढ़ रही है. आत्महत्या करने वाले युवक की डेडबॉडी फ्रीजर में रखी गई है. बांग्लादेश से परिजनों का यहां पर पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है. फिलहाल, तय नहीं है कि युवक का अंतिम संस्कार हमीरपुर में ही परिजनों की मौजूदगी में होगा या फिर वह शव बांग्लादेश ले जाएंगे.
आत्महत्या करने वाले युवक की डेडबॉडी फिलहाल फ्रीजर में रखी गई है। बांग्लादेश से परिजनों का यहां पर पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है। परिजनों के यहां पर पहुंचने के बाद ही विदेश मंत्रालय और नेशनल सेंट्रल ब्यूरो की गाइडलाइन के मुताबिक ही युवक का अंतिम संस्कार (Funeral) किया जाएगा। यह तय किया जाएगा कि क्या युवक का अंतिम संस्कार हमीरपुर में ही परिजनों की मौजूदगी में कर दिया जाए। इस स्थिति में परिजनों की सहमति भी ध्यान में रखी जाएगी और यदि परिजन डेडबॉडी को बांग्लादेश ले जाना चाहे तो इस पर भी मंत्रालय विचार करेगा। हालांकि डेडबॉडी को बांग्लादेश तक ले जाने का खर्च अधिक होगा जो कि संभवता परिजनों को ही वहन करना होगा। ऐसे में आपसी सामंजस्य यह संभावना जताई जा रही है कि परिजनों की सहमति से उनकी मौजूदगी में युवक के शव का अंतिम किया जाएगा। पुलिस अधीक्षक हमीरपुर आकृति शर्मा का कहना है कि मामले में विदेश मंत्रालय और सीबीआई की एनसीबी विंग की गाइडलाइन पर कार्य किया जा रहा है। इस मामले में पुलिस बेहद सावधानी के साथ जांच को आगे बढ़ा रही है।