मंडी : प्रसव के दौरान नवजात के सिर में कट लग जाने के बाद नवजात की छह दिन बाद मौत हो गई है। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है और बच्चे की मौत के लिए दोषी ठहराया है। नवजात के सिर में कट लग जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने पांच दिनों तक परिजनों को बच्चे को देखने भी नहीं दिया। श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने अब इसके लिए न्यायलय का दरवाजा खटखटाने की बात कही है।
दरअसल, बल्ह उपमंडल के तहत आने वाली रिवालसर तहसील के पाठा गांव के मुंशी राम ने बताया कि बीती 10 नवंबर को उसकी पत्नी दिव्या को मेडिकल कॉलेज नेरचौक में भर्ती किया गया। 18 नवंबर को उसने एक बेटे को जन्म दिया। डिलिवरी के दौरान नवजात के सिर पर कट लग गया। डॉक्टरों ने माता-पिता को इसकी जानकारी दी और कहा कि इसमें घबराने वाली कोई जरूरत नहीं। इसके बाद बच्चे को विशेष प्रकार के उपकरण में रख दिया गया है। दंपति का आरोप है कि उपचार के नाम पर उन्हें भी बच्चे से नहीं मिलने दिया गया। मुंशी राम ने बताया कि 23 नवंबर को डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उनके बेटे की मौत हो गई है। मुंशी राम का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से उनके बेटे की मौत हुई है, जिसके लिए वे अब न्यायलय का दरवाजा खटखटाएंगे। वहीं जब इस बारे में मेडिकल कॉलेज के एमएस डॉ पीएल वर्मा से बात की गई तो उन्होंने मामले पर अनभिज्ञता जाहिर की। उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं आया है और यदि ऐसा हुआ है तो मामले की जांच की जाएगी और नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।