शिमला: अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश टू शिमला (कैंप एट ठियोग) प्रवीण चौहान की अदालत ने एक हत्या के मामले में दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
जिला शिमला के थाना कोटखाई में एफआईआर नंबर 61/2017 के तहत यह केस दर्ज हुआ था। इसमें आरोपी कमल सिंह बहादुर ने अपनी पत्नी और चाचा ससुर की हत्या कर दी थी। इस पूरे आपराधिक मामले की अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी उपजिला न्यायवादी भगवान सिंह नेगी ने की।
उन्होंने बताया कि यह मामला वर्ष 2017 का है। कमल बहादुर, इसकी पत्नी और चाचा ससुर नेपाल से आकर कोटखाई के नेहराघाटी में 19 मार्च 2017 को प्रोमिला देवी की दोगरी (खेतों या सेब के बगीचे में बना आशियाना) में ठहरे। अगले दिन जब शाम तीन बजे तक यह लोग अपने कमरे से नहीं निकले तो प्रोमिला देवी इन्हें देखने के लिए दोगरी में गई। यहां कमल बहादुर का चाचा ससुर श्यामलाल और पत्नी भागीरथी खून से लथपथ जमीन पर पड़े थे तथा दोनों की मौत हो चुकी थी। कमरे में खून बिखरा पड़ा था जबकि दोषी कमल सिंह गायब था।
पुलिस ने इसके बाद केस दर्जकर जांच शुरू की और 23 मार्च 2017 को कमल को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल घण, चाकू और छुरी को भी बरामद किया। इस अभियोग की तफ्तीश कोटखाई थाना के तत्काल प्रभारी रजनीश ठाकुर और उनकी टीम ने की थी। पांच साल के बाद हत्या के आरोपी कमल बहादुर को अब अदालत ने दोषी करार देकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।