शिमला 23 नवम्बर । प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव बलदेव ठाकुर ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल द्वारा आये दिन प्रदेश सरकार के खिलाफ आये दिन की जा रही बयानबाजी को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए आरोप लगाया है कि राजीव बिंदल आये दिन प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजी कर सिर्फ मीडिया में सुर्खियां बटोरना चाहते है और रोज प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा जनहित में लिए जा रहे निर्णयों का विरोध करते रहते है जबकि वास्तविकता ये है कि जितने आमजन के विकास कार्य चाहे वो अनाथ बच्चो को सरकार द्वारा लिए गए ऐतिहासिक निर्णय कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने आपदा की चपेट में आये लोगो को राहत राशि कई गुना बढ़ाने युवा बेरोजगारों के लिए ई टैक्सी जैसी सब्सिडी वाली सुविधा देने और विभिन्न विभागों में विभिन्न सरकारी विभागों में हजारो नए पद सृजित करने और खाली पद भरने का कार्य जितनी त्वरित गति से सुक्खू सरकार में हुआ है शायद ही आज तक कभी हुआ हो ।
बलदेव ठाकुर ने बिंदल द्वारा प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए कर्जे को लेकर दिए गए गलत आंकड़ो को लेकर भी आपत्ति जाहिर की और की कर्ज की वास्तविकता बिंदल द्वारा दिये गए आंकड़ो से विपरीत है । प्रदेश सरकार ने अगर कर्ज लिया भी है उसकी मुख्य वजह पूर्व भाजपा सरकार द्वारा लिए गए कई गलत निर्णयों तथा उस समय जयराम सरकार ने जो कर्ज प्रदेश सरकार पर छोड़ा पूर्व में लिए गए कर्ज की ब्याज अदा करने को लेकर है ।
बलदेव ठाकुर ने कहा की कांग्रेस द्वारा चुनाव से पहले दी गारन्टियो को लेकर कहा कि प्रदेश सरकार ने चरणबद्ध तरीके से गारंटियों को पूरा करना शुरू किया है जिसमे ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करना जिसको पूर्व जयराम सरकार लागू करने को पूरी तरह मुकर चुकी थी मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने सबसे पहली गारन्टी ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करके की और बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिए जिसकी चारो और तारीफ हो रही है जबकि पूर्व भाजपा सरकार में युवाओं को रोजगार के नाम पर ठगी होती रही और कर्मचारी चयन आयोग को पूर्व सरकार ने अपात्र लोगो को नॉकरी बेचने की दुकान बनाकर रखा । प्रदेश सचिव ने कहा कि बिंदल को चाहिए कि मीडिया में आकर प्रदेश सरकार के कर्ज को लेकर बिंदल का ये कहना कि उन्होंने आर टी आई के माध्यम से ये सूचना ली है कि वर्तमान प्रदेश सरकार 10300 करोड़ का कर्ज ले चुकी है और 800 करोड़ कर्ज और लेने जा रही है तो उनको केंद्र सरकार की आर टी आई भी लगानी चाहिए कि केन्द्र की वर्तमान भाजपा सरकार ने एक साल के भीतर कुल कितनी मदद प्रदेश सरकार को दी है और साथ मे ये भी जानकारी हासिल करनी चाहिए कि प्रदेश सरकार की लिमिट मे कुल कितनी कटौती केंद्र की भाजपा सरकार ने की है और क्यों की है ताकि हिमाचल की जनता को असलियत पता चल सके ।