हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) 1 से 31 अक्तूबर, 2025 तक अपना प्रमुख जन जागरूकता अभियान ‘‘समर्थ-2025“ आयोजित करेगा। एक महीने तक चलने वाला यह अभियान पूरे राज्य में आपदा तैयारी, सुरक्षित निर्माण प्रथाओं और सामुदायिक लचीलेपन को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान देते हुए चलाया जाएगा।
इस अभियान की जानकारी देते हुए निदेशक और विशेष सचिव (राजस्व एवं आपदा प्रबंधन) डी.सी. राणा ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1989 में घोषित अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस (आईडीडीआरआर) हर साल 13 अक्तूबर को जोखिम जागरूकता और लचीलेपन की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विश्व स्तर पर मनाया जाता है। इस वर्ष का विषय-‘‘आपदाओं के बजाय लचीलेपन को धन जुटाएं“ होगा जो आपदाओं की मानवीय, सामाजिक और आर्थिक लागत को कम करने के लिए लचीलेपन के उपायों में सक्रिय रूप से निवेश करने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
उन्होंने कहा कि आईडीडीआरआर के उपलक्ष्य में राज्य आपदा प्राधिकरण ने 2011 में समर्थ का शुभारंभ किया था। तब से यह आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर एक राज्यव्यापी वार्षिक अभियान के रूप में विकसित हुआ है, जो हर साल अक्तूबर में मनाया जाता है। पिछले कुछ वर्षों में यह अभियान एक जन-केंद्रित पहल के रूप में विकसित हुआ है जो हिमाचल प्रदेश में तैयारियों और लचीलेपन को मजबूत करने के लिए सरकारी विभागों, संस्थानों और समुदायों को एक साथ लाता है।
डी.सी. राणा ने कहा कि राज्य स्तरीय समारोह 13 अक्तूबर को शिमला में आयोजित किया जाएगा, जो आईडीडीआरआर के वैश्विक पालन के साथ मेल खाता है। इस अवसर को चिन्हित करने के लिए आपदा तैयारी और प्रतिक्रिया उपकरण, प्रौद्योगिकियों और उत्पादों पर पांच दिवसीय प्रदर्शनी 13 से 17 अक्तूबर तक शिमला के रित स्थित पदम देव काम्प्लेक्स में आयोजित की जाएगी।
समर्थ-2025 के हिस्से के रूप में, प्राधिकरण और सभी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा राज्य में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इन गतिविधियों के अंतर्गत संबंधित विभागों, गैर-सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और सामुदायिक संगठनों का सक्रिय समर्थन होगा। अभियान में मल्टीमीडिया प्लेटफार्म, नुक्कड़ नाटकों, लोक प्रदर्शनों और सूचना एवं संचार तकनीक सामग्री के प्रसार के माध्यम से जागरूकता अभियानए स्कूल और कॉलेज स्तर की प्रतियोगिताएं जैसे सुरक्षित निर्माण मॉडल निर्माण प्रतियोगिताएं, क्विज़, पोस्टर और निबंध लेखन तथा मॉक ड्रिल और शहरी स्थानीय निकायों के लिए विशेष कार्यशालाएं शामिल होंगी। इनके माध्यम से लचीली शहरी नियोजन और सुरक्षित निर्माण प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। 2 अक्तूबर को ग्रामसभा की बैठकों के दौरान पंचायती राज संस्थाओं, आपदा मित्रों और तकनीकी कर्मियों के माध्यम से सामुदायिक सहभागिता को और मज़बूत किया जाएगा।
प्राधिकरण ने सभी नागरिकों, संस्थाओं और हितधारकों से समर्थ-2025 में सक्रिय रूप से भाग लेने और एक आपदा-प्रतिरोधी हिमाचल प्रदेश के निर्माण में योगदान देने की अपील की है।