सिरमौर पुलिस ने चमेंजी पंचायत में दोहरे हत्याकांड (Double Murder) का पर्दाफाश कर दिया है, लेकिन खाकी ठोस सबूतों (solid evidence) को जुटाने में लगी है, ताकि जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जा सके। जांच का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। खाकी, आरोपी नरेश को लेकर घटनास्थल पर पहुंची।
आरोपी की निशानदेही पर घटनास्थल से कुछ दूरी पर गउशाला में छिपाकर रखी गई पेंट कमीज को बरामद किया गया। बताया जा रहा है कि वारदात के दौरान आरोपी की पेंट व कमीज पर भी खून के दाग पड़े थे। वारदात को अंजाम देने के बाद उसने कपड़े बदल लिए थे। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर वारदात में इस्तेमाल किए गए दराट को भी बरामद किया है।
आरोपी ने पुलिस को बताया कि जघन्य अपराध को अंजाम देने के बाद उसने दराट कहां फैंका था। सर्च में दराट भी बरामद किया गया है। यही नहीं, पुलिस ने एसएफएसएल (State Forensic Science Laboratory) की टीम सहित खोजी कुत्तों को भी पुनः मौके पर बुलाया। वारदात स्थल से आरोपी के घर तक पैदल रास्ते को भी स्कैन किया गया। आरोपी के घर व आस-पास का पुनः निरीक्षण किया गया। साथ ही सबूतों की भी तलाश की गई।
उधर, पुलिस ने सोमवार को आरोपी नरेश को अदालत में भी पेश किया। अदालत से उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है। पुलिस ने छानबीन में ये भी पाया था कि आरोपी के छोटे भाई की मृतक महिला से 10 महीने के दौरान 969 बार आपस में बातचीत हुई थी। आरोपी के छोटे भाई के खिलाफ पुलिस को कोई सबूत नहीं मिल रहा था।
आरोपी का घर महिला के घर से 10 मिनट की दूरी का है। एसपी रमन कुमार मीणा (SP Raman Kumar Meena) का कहना है कि मोबाइल टावर (mobile tower) की लोकेशन से भी कोई मदद नहीं मिल रही थी। लिहाजा, मृतका के जीवन को आधार बनाया गया।
उल्लेखनीय है कि रविवार को पत्रकारवार्ता के दौरान पुलिस अधीक्षक ने ये भी बताया था कि जांच के दौरान 400 लोगों से पूछताछ की गई, जबकि 40 संदिग्धों की कॉल डिटेल्स को खंगाला गया था। एसपी ने ये भी कहा था कि एसआईटी की टीम ने इस साल दिवाली भी नहीं मनाई, क्योंकि पूरी टीम जांच में ही जुटी हुई थी।