सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से पिछले दिनों लापता और बाद में सीआईडी द्वारा बरामद करने के मामले में नया अपडेट सामने आया है। परिजनों ने पुलिस पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। मिली जानकारी के अनुसार परिजनों ने आरोप लगाया है कि बेटी के अपहरण होने का एफआईआर दर्ज कराने के बाद पुलिस ने कहा कि खोजने के लिए इधर-उधर जाना पड़ेगा। इस एवज में परिजन ने 12 हजार रूपए बतौर रिश्वत दिए। मामले में पुलिस पर ही सवालिया निशान लगने के बाद जांच अब डीएसपी स्तर से कराने का निर्णय लिया गया है। डीएसपी वीर बहादुर ने पुष्टि करते हुए कहा है कि जांच अब वह स्वयं करेंगे और रिश्वतखोरी के शिकायत की भी जांच होगी।
वहीं, दूसरा अपडेट यह भी सामने आया है कि दोनों में से एक लड़की के साथ दुराचार भी किया गया है। हालांकि, पुलिस ने खुले तौर पर दुराचार होने के बात की पुष्टि नहीं की है। वहीं, मामले में अब पोक्सो एक्ट के साथ-साथ एससी-एसटी एक्ट का मुकदमा भी दर्ज हो गया है। दोनों लडकियां अनुसूचित जाति से संबंध रखती हैं। मामला डीएसपी स्तर जांच में अपग्रेड होने से उम्मीद है कि जांच में अब तेजी आएगी।
गौरतलब है कि शिलाई की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रोनहाट में 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली दो लापता छात्राओं को सीआईडी ने 16-17 दिसंबर को पांवटा साहिब में गुरुद्वारे के समीप से बरामद किया था। छात्राएं घर से स्कूल गई थी, लेकिन जब वापिस नहीं लौटी तो परिजनों ने तलाशी शुरू कर दी। 13 दिसंबर से लापता छात्राओं के परिवार वालों ने पुलिस में अपनी बच्चियों के अपहरण की आशंका जताते हुए शिकायत दर्ज करवाई थी। लड़कियों को अगवा करने वाला आरोपी राकेश मूलतः कमरऊ का रहने वाला है, लेकिन वह कुछ अरसे से तारूवाला में ही सेटल है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। मंगलवार को आगे की जांच की जिम्मेदारी डीएसपी को सौंपने आदेश जारी हुए।