शिमला : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शिमला के रिज मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 2014 से पहले की तुलना में मौजूदा में देश की सीमाएं अधिक सुरक्षित हैं। उत्तर-पूर्वी राज्यों में शांति बहाल हुई है। वहां की जनता दिल से देश के साथ जुड़ी है। इन राज्यों के इंफ्रास्ट्रक्चर में भी तेजी से विकास हुआ है।
उन्होंने कहा कि भारत इस समय आंख मिलाकर बात करता है, हम मददगार हैं। जबकि 2014 से पहले स्थिति कुछ और थी। उन्होंने कहा कि दोस्ती के लिए हाथ बढ़ाते हैं। संबोधन के दौरान मोदी ने मुक्का दिखाते हुए कहा कि हम ऐसे भी बात कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने एक अहम बात में कहा कि पहले मेडिकल की पढ़ाई के लिए अंग्रेजी माध्यम अनिवार्य रहता था, लेकिन अब मेडिकल व टैक्निकल पढ़ाई को मातृभाषा से भी जोड़ा जाएगा, ताकि गरीब का बच्चा डॉक्टर या इंजीनियर बनने से वंचित न रह जाए।
मोदी ने कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान भारत ने 150 देशों को मदद भेजी। इसके लिए हिमाचल का फार्मा उद्योग (pharma industry) भी बधाई का पात्र है।
पीएम ने कहा कि इस समय देश कोरोना की 200 करोड़ वैक्सीन के लक्ष्य की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने वैश्विक महामारी के दौरान हिमाचल (Himachal) की जयराम सरकार के सराहनीय कार्य पर मुख्यमंत्री की सराहना भी की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भी हाथ जोड़कर मंच पर पीएम का अभिनंदन किया।
मोदी ने कहा कि वो नए भारत का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब 130 करोड़ की जनता के विकास की बात हो तो वोट बैंक की राजनीति नहीं हो सकती। सरकार की योजनाओं का लाभ हर गरीब को मिले।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार के 8 साल पूरा होने का कार्यक्रम आज हिमाचल में हो रहा है। वो इस बात से बेहद खुश हैं कि हिमाचल उनकी कर्मभूमि रही है। उन्होंने कहा कि आज मोदी दौड़ता है, मोदी करता है तो ये इस कारण हो रहा है, क्योंकि देश के 130 करोड़ की आबादी का आशीर्वाद है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सोमवार को उस समय बेहद सुकून मिला, जब सरकार के 8 साल पूरे होने के मौके पर कोविड संकट के दौरान अनाथ हुए बच्चों का सहारा बनने का अवसर मिला। इसके लिए पीएम केयर योजना शुरू की गई।
प्रधानमंत्री ने बेहद ही भावुक होकर कहा कि वो खुद को प्रधानमंत्री नहीं मानते, बल्कि देशवासियों के परिवार का सदस्य मानता हूं। उन्होंने कहा कि जब फाइल आती है तो वो पीएम की तरह अवश्य ही कार्य करते हैं, लेकिन फाइल बंद होते ही 130 करोड़ की आबादी के परिवारों का सदस्य बन जाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब माई बाप की सरकार नहीं है, बल्कि सेवक सरकार है। पहले एक रुपए में से 85 पैसे गायब हो जाते थे। उन्होंने कहा कि जब गरीब का दिन भर का संघर्ष कम होता है तो वो नई ऊर्जा से कार्य करता है। उन्होंने कहा कि इस समय देश में 3 करोड़़ गरीबों के पास अपना पक्का घर है।
उन्होंने कहा कि 2 करोड़ गरीब लोगों के पास टर्म इंश्योरेंस है। इसके अलावा जन-धन योजना भी मददगार बन रही है। उन्होंने कहा कि शायद ही देश में कोई परिवार होगा, जिसे सरकार की किसी न किसी योजना का लाभ न मिला हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वो देश के हरेक कोने में रह रहे नागरिक की सुरक्षा व समृद्धि का आज फिर देवभूमि से संकल्प लेते हैं। वो खुद को संकल्पित कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब आप बड़े लक्ष्य की तरफ बढ़ते हैं तो ये आपको ये भी पता होना चाहिए कि आप चले कहां से हैं। तभी आप हिसाब-किताब बना सकते हैं। हमने 2014 से सफर शुरू किया। इससे पहले केवल अखबारों की सुर्खियों में केवल घोटालों व लटकी-खटकी योजनाओं की चर्चा होती थी। आज दुनिया भर में चर्चा होती है भारत के स्टार्टअप की, सरकार की योजनाओं की।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस को लेकर आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले जनकल्याणकारी योजनाओं की राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती थी, लेकिन मौजूदा में ये लाभार्थियों तक पहुंच रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले स्वास्थ्य के लिए पैसों की बेबसी थी, लेकिन मौजूदा में आयुष्मान भारत योजना है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल वीरों की भूमि है। हर घर से एक फौजी निकला है। ये सैन्य परिवारों की भूमि है। मोदी ने कहा कि ये परिवार नहीं भूल सकते कि पहले की सरकारों ने वन रैंक-वन पैंशन को लेकर कैसे लटकाए रखा। उन्होंने कहा कि वर्चुअल संवाद के दौरान वो लद्दाख के पूर्व सैनिक से बात कर रहे थे। वो नौकरी के दौरान अपना घर नहीं बना सका। मौजूदा सरकार की योजना से पक्का घर बन गया।