अरुणाचल के केमांग में हिमस्खलन की चपेट में आकर बलिदान हुए बिलासपुर जिले के घुमारवीं उपमंडल के सेऊ गांव के जांबाज सैनिक अंकेश भारद्वाज की पार्थिव देह हादसे के आठवें दिन घर पहुंच गई। पूरा क्षेत्र चीखो-पुकार से गूंज उठा। स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है।
पठानकोट से करीब छह घंटे के सफर के बाद अंकेश की पार्थिव देह पैतृक घर पहुंचनी थी, लेकिन रात के समय पार्थिव देह घर न लाने का फैसला लेते हुए पिता ने सुबह लाने की बात कही। ऐसे में अब रविवार सुबह जैसे ही अंकेश की पार्थिव देह बिलासपुर जिले की सीमा पर दाखिल हुई उसका स्वागत पिता की इच्छा के अनुसार बैंडबाजों के साथ किया गया। इस मौके पर प्रदेश के खाद्य आपूर्ति मंत्री राजिंद्र गर्ग के भी वहां मौजूद रहने की संभावना है।
बताते चलें कि बलिदानी अंकेश भारद्वाज के पिता बांचा राम की रात को बेटे को घर न लाने की मांग पर प्रशासन ने हमीरपुर जिले में भोटा स्थित विश्रामगृह में अंकेश के पार्थिव देह को रखने की व्यवस्था की थी। शहीद अंकेश के पिता का कहना है कि उनके वीर बेटे को दिन के उजाले में घर लाया जाए, रात के समय उनके बेटे को वो वह सम्मान नहीं दे पाएंगे, जिस सम्मान का हकदार उनका बेटा है। अपने लाल को वो घर से बैंडबाजे के साथ दूल्हे के रूप में विदा करेंगे।
अंकेश की पार्थिव देह के घर पहुंचने से पहले पूरे घर में राष्ट्रीय ध्वज लगाने के साथ-साथ घर को शादी समारोह की तरह सजाने का काम पूरा कर दिया गया था। सैकड़ों लोग अंकेश के घर आने का इंतजार कर रहे थे। यहां से राजकीय सम्मान के साथ मुक्तिधाम तक पार्थिव देह को ले जाया जाएगा। अंकेश के घर संवेदनाएं व्यक्त करने के लिए शनिवार को भी खाद्य आपूर्ति मंत्री राजिंद्र गर्ग सहित कई चुनिंदा प्रतिनिधि पहुंचे।
अंकेश भारद्वाज का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा, जिसके लिए सेना की टुकड़ी शनिवार दोपहर बाद उनके घर पहुंच गई। बैंडबाजे की धुन के बाद ये सेना के जवान पूरे राजकीय सम्मान के साथ बलिदानी को सलामी देंगे। अंतिम संस्कार के दौरान बंदूकों की सलामी दी जाएगी। इस मौके पर खाद्य आपूर्ति मंत्री राजिंद्र गर्ग तथा अन्य सभी प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहेंगे।