प्रधानमंत्री से मिले जयराम ठाकुर, एरिया स्पेसिफिक पैकेज मांगा

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-सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान के बारे में अवगत  करवाया
-जमीन देने के लिए ’वन संरक्षण कानून‘ में रियायत मांगी ताकि बेघर हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पुनः बसाया जा सके
-कहा,  30 जून की उस रात सराज, करसोग और नाचन में ही कुल 42 की गई जान और अकेले सराज से ही 29 लोग हुए आपदा के शिकार, 1000 करोड़ से अधिक का नुकसान

शिमला : पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान के बारे में अवगत  करवाया। प्रधानमंत्री ने आपदा से हुए नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी ली और आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में पुनर्निर्माण और पुनर्वास में हर संभव सहयोग देने का भरोसा दिया।

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री को हमने बताया कि इस आपदा में लोगों के घर ही नहीं उनकी जमीनें भी बह गईं अब उनके पास घर बनाने की भी जगह नहीं बची है। ऐसे में उन्हें जमीन देने के लिए ’वन संरक्षण कानून‘ में रियायत दी जाए ताकि बेघर हु लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पुनः बसाया जा सके। साथ ही पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए ’एरिया स्पेसिफिक’ राहत पैकेज देने और प्रदेश में बार-बार आ रही  प्राकृतिक आपदा के  कारणों के अध्ययन के लिए भी प्रधानमंत्री से आग्रह किया जिससे बार–बार हो रहे नुकसान से बचाव हो सके। उन्होंने आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्य में हर संभव सहयोग प्रदान करने के लिये प्रधानमंत्री का धन्यवाद भी किया।

जयराम ठाकुर ने कहा कि इस आपदा की वजह से प्रदेश में 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। जिसमें लगभग 1000 करोड़ से अधिक का नुकसान सराज विधान सभा में ही हुआ है जबकि 30 जून की उस रात सराज, करसोग और नाचन में ही कुल 42 की जान गई और अकेले सराज से ही 29 लोग आपदा का शिकार हुए। 500 से अधिक घर पूरी तरह बह गए और 1000 घर क्षतिग्रस्त हो गए जो रहने लायक नहीं बचे। इसके साथ ही नाचन, करसोग और धर्मपुर में भी भारी नुकसान हुआ है। धर्मपुर में स्याठी गांव पूरी तरह जमींदोज हो गया और लोग खुले में रातें काट रहे हैं। इसलिए पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए ’एरिया स्पेसिफिक’ राहत पैकेज देने का निवेदन भी किया गया है।


उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में बार-बार प्राकृतिक आपदा आ रही है। इसके कारणों के अध्ययन के लिए भी प्रधानमंत्री से आग्रह किया गया है जिससे बार–बार हो रहे नुकसान से बचाव हो सके। आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्य के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का धन्यवाद भी किया।


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