चैत्र नवरात्रि के लिये घटस्थापना चैत्र प्रतिपदा को होती है जो कि हिन्दु कैलेण्डर का पहला दिवस होता है. यानी भक्त साल के प्रथम दिन से अगले नौ दिनों तक माता की पूजा कर वर्ष का शुभारम्भ करते हैं. चैत्र नवरात्रि पूजा समग्री लिस्ट जानने के लिए आगे पढ़ें.
चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग 9 रूपों की पूजा होती है. माता के भक्त प्रतिपदा से नवमी तक माता के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना और उपवास कर माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. चैत्र नवरात्रि के लिये घटस्थापना चैत्र प्रतिपदा को होती है जो कि हिन्दु कैलेण्डर का पहला दिवस होता है. यानी भक्त साल के प्रथम दिन से अगले नौ दिनों तक माता की पूजा कर वर्ष का शुभारम्भ करते हैं. इस बार चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू हो रही है. ऐसे में चैत्र नवरात्रि संपूर्ण पूजा सामग्री लिस्ट यहां चेक कर लें.
चैत्र नवरात्रि पूजा की सामग्री
लाल कपड़ा, चौकी, कलश, कुमकुम, लाल झंडा, पान-सुपारी, कपूर, जौ, नारियल, जयफल, लौंग, बताशे, आम के पत्ते, कलावा, केले, घी, धूप, दीपक, अगरबत्ती, माचिस, मिश्री, ज्योत, मिट्टी, मिट्टी का बर्तन, एक छोटी चुनरी, एक बड़ी चुनरी, माता का श्रृंगार का सामान, देवी की प्रतिमा या फोटो, फूलों का हार, उपला, सूखे मेवे, मिठाई, लाल फूल, गंगाजल और दुर्गा सप्तशती या दुर्गा स्तुति आदि.
चैत्र घटस्थापना तिथि, शुभ मुहूर्त
चैत्र घटस्थापना शनिवार, अप्रैल 2, 2022 को
घटस्थापना मुहूर्त – 06:10 ए एम से 08:31 ए एम
अवधि – 02 घण्टे 21 मिनट्स
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त – 12:00 पी एम से 12:50 पी एम
अवधि – 00 घण्टे 50 मिनट्स
घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है.
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 01, 2022 को 11:53 ए एम बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – अप्रैल 02, 2022 को 11:58 ए एम बजे
प्रथम दिन से लेकर अष्टमी तक पूरी लिस्ट देखें
नवरात्रि का दिन 1- 2 अप्रैल- घटस्थापना, शैलपुत्री पूजा
नवरात्रि का दिन 2- 3 अप्रैल- ब्रह्मचारिणी पूजा
नवरात्रि का दिन 3- 4 अप्रैल- चन्द्रघन्टा पूजा
नवरात्रि का दिन 4- 5 अप्रैल- कुष्माण्डा पूजा
नवरात्रि का दिन 5- 6 अप्रैल- स्कन्दमाता पूजा
नवरात्रि का दिन 6- 7 अप्रैल- कात्यायनी पूजा
नवरात्रि का दिन 7- 8 अप्रैल- कालरात्रि पूजा
नवरात्रि का दिन 8- 9 अप्रैल- दुर्गा अष्टमी, महागौरी पूजा
नवरात्रि का दिन 9- 10 अप्रैल- महानवमी, सिद्धिदात्री पूजा
नवरात्रि का दिन 10- 11 अप्रैल- नवरात्रि व्रत पारण