हिमाचल की धड़कन बन चुका बालक ‘अरुणोदय शर्मा’ हमेशा ही अपनी बात से हरेक उम्र को प्रभावित करता है। राजनीति की बात की जाए तो विधायक बनने के बाद हर राजनीतिज्ञ सरकार में मलाईदार मंत्रालय या फिर पद चाहता है। लेकिन आप ये जानकर फिर हैरान होंगे कि केबीसी फेम ‘अरुणोदय शर्मा’ ने 12 जून को होने वाले बाल सत्र में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री के पद को चुना।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि सरकार का ये विभाग आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, एकल व विधवा महिलाओं के साथ-साथ विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए कार्य करता है। साधारण शब्दों में कहें तो समाज के कमजोर तबके से इसी मंत्रालय का ताल्लुक होता है। अरुणोदय शर्मा ने चयन प्रविष्टि में भेजे वीडियो में बेहद ही प्रभावशाली तरीके से इस बात का जिक्र किया कि आखिर ये विभाग क्यों चुना है।
अरुणोदय शर्मा ने कहा कि विधानसभा के बाल सत्र में कमजोर वर्गों के लिए निष्ठा से कार्य करुंगा। अरुणोदय ने कहा कि आधुनिक सुविधाओं से युक्त आश्रय परिसर व विशेष बच्चों के लिए स्कूल बनाना मेरी प्राथमिकता होगी। विशेष बच्चों को गोद लेने वाले अभिभावकों को सरकार की योजनाओं में उचित लाभ मिलेगा। अरुणोदय ने बेहद ही प्रभावशाली तरीके से कहा कि बेसहारा बुजुर्गों को गोद दिलवाने की दिशा में कार्य करेंगे, ताकि बेसहारा बुजुर्गों को भी घर नसीब हो जाए।
अरुणोदय ने कहा कि नशा तेजी से पैर पसार रहा है, इसे समाप्त करने के लिए विशेष सेल बनाए जाएंगे। नशामुक्त पंचायतों को विशेष लाभ देने की भी नीति बनाई जाएगी। समाज में व्याप्त हर असमानता को दूर कर संपन्न हिमाचल की दिशा में कार्य करुंगा।
अरुणोदय ने ये कहकर वीडियो में अपना संबोधन समाप्त किया कि ‘कर दिखाना चाहता हूं कुछ ऐसा, दुनिया करना चाहे हमारे जैसा’।उल्लेखनीय है कि बाल सत्र में 68 विधानसभा क्षेत्रों से बच्चे ही विधायक होंगे। सुंदरनगर की जान्हवी मुख्यमंत्री बनेगी। विभाग ने 9 राज्यों से बच्चों का चयन किया है।