18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए बनाई गई है वैक्सीन
केंद्रीय अनुसंधान केंद्र कसौली में स्थित केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला ने जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए कोरोनारोधी वैक्सीन की लगभग 1.5 करोड़ खुराक को पास कर दिया है। सिंगल डोज वाली यह वैक्सीन गंभीर बीमारी को रोकने में 85 फीसदी प्रभावी है। इस दवा और जायडस कैडिला की दवा बच्चों के लिए उपलब्ध होने से अब बच्चों के प्रतिरक्षण को बल मिलेगा।
यह दवा इस समय सबसे आवश्यक थी, क्योंकि अभी तक बच्चों के लिए कोई कोरोनारोधी दवा उपलब्ध नहीं है। अभी जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की दवा के जिन छह बैच को पास किया गया है, वे केवल निर्यात की जाएंगी। इनका प्रयोग भारत में नहीं होगा। वहीं, विगत दिनों इसी प्रयोगशाला द्वारा जायड्स कैडिला की डीएनए आधारित वैक्सीन के लगभग डेढ़ लाख डोज भारतीय बाजारों में बच्चों के लिए कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी पैमानों पर परखने के बाद उपलब्ध करवा दिए हैं।
इस समय देश के लगभग हर प्रांत में बच्चों के स्कूल पूरी क्षमता के साथ खोल दिए गए हैं और इस समय बीमारी की तीसरी लहर की आशंका सबसे ज्यादा बनी हुई है। छोटे बच्चों को न तो कोरोना अनुरूप व्यवहार का पता है और ठंड के मौसम में उनका सर्दी, जुकाम, बुखार से प्रभावित होने की संभावना सबसे ज्यादा बनी रहती है। अब उम्मीद जताई जा सकती है कि आने वाले कुछ महीनों में बच्चों को यह खुराक मिलनी शुरू हो जाएगी और हमारे बच्चे फिर से स्कूलों में बेखौफ हो कर पढ़ाई कर सकेंगे। वैसे केंद्र सरकार द्वारा जायडस कैडिला कंपनी के तीन खुराक वाले इंजेक्शन रहित टीके की एक करोड़ डोज सप्लाई का ऑर्डर दे दिया गया है।
सीआरआई कसौली की सेंट्रल ड्रग प्रयोगशाला के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय बाजार में दवा उपलब्ध के लिए दवा का यहां से पास होना जरूरी है। यहां की सेंट्रल ड्रग प्रयोगशाला विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से प्रमाणित इकलौती प्रयोगशाला है। यह संस्थान कोरोना महामारी के विरुद्ध शुरू से ही सुरक्षा प्रदान करने के कार्य में लगा हुआ है और संकट के समय एक अग्रणी भूमिका निभा रहा है।