अनाथ बच्चों का भविष्य संवार रही प्रदेश सरकार…

Avatar photo Vivek Sharma
Spaka News

प्रतिष्ठित स्कूलों में करवाया दाखिला

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को संवारने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि अनाथ बच्चे भी समाज के अन्य बच्चों की तरह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें। इसी उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने उन्हें राज्य के नामी शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश दिलाने की पहल की है। इस पहल के माध्यम से यह बच्चे, जिन्होंने कम उम्र में अपने माता-पिता को खो दिया और कभी अच्छी शिक्षा का सपना भी नहीं देख पाए थे, अब प्रतिष्ठित विद्यालयों में पढ़कर अपने सपनों को साकार करने का अवसर पा रहे हैं।

प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के प्रयासों से अब अनाथ बच्चों को प्रदेश के नामी स्कूलों में दाखिला दिलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सोलन स्थित पाइनग्रोव पब्लिक स्कूल में चार, शिमला के तारा हॉल स्कूल में तीन और दयानन्द पब्लिक स्कूल में आठ अनाथ बच्चों का दाखिला करवाया गया है। इस पहल का उददेश्य इन बच्चों को शिक्षा, खेलकूद और सह-पाठयक्रम गतिविधियों में अन्य विद्यार्थियों के समान अवसर प्रदान करना है, ताकि वे स्वयं को वंचित न समझें। 

प्रवक्ता ने कहा कि सरकार बेहतर शैक्षणिक अवसर उपलब्ध करवाने के लिए अन्य प्रतिष्ठित विद्यालयों से भी संपर्क स्थापित कर रही है। उन्होंने बताया कि इन बच्चों को रोजगारपरक उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता भी दी जा रही है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सके। 

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की दूरदर्शी नेतृत्व के परिणामस्वरूप प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए ‘मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना’ भी शुरू की है। यह योजना प्रदेश के अनाथ बच्चों को शिक्षा सहित अन्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान सरकार ने पदभार संभालने के उपरांत प्रदेश के सभी अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन अॅाफ द स्टेट’ का दर्जा प्रदान किया है। इसके तहत उनकी देखभाल, सुरक्षा और शिक्षा की जिम्मेदारी 27 वर्ष की आयु तक राज्य सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि आईटीआई, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग और फार्मेसी कॉलेजों सहित सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी तकनीकी शिक्षा संस्थानों में अनाथ बच्चों के लिए प्रत्येक पाठ्यक्रम में एक सीट आरक्षित की गई है, जिससे उन्हें अन्य विद्यार्थियों के समान व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के अवसर प्राप्त हो सकेंगे। 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन बच्चों के लिए देशभर के ऐतिहासिक स्थलों और प्रमुख नगरों का भ्रमण करवाने के लिए एक्सपोज़र विज़िट भी आयोजित कर रही है, जिसमें हवाई यात्रा और तीन सितारा होटलों में आवास सहित सभी खर्च सरकार द्वारा उठाए जा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि वंचित वर्ग का उत्थान प्रदेश सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है जिसने अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए विशेष कानून बनाकर उनके सम्मानजनक जीवन, देखभाल और शिक्षा के अधिकार सुनिश्चित किए हैं।


Spaka News
Next Post

महिला विकास निगम के निदेशक मंडल की बैठक में शिक्षा ऋण सीमा 75,000 से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने को मंजूरी...

Spaka Newsडॉ.(कर्नल) धनीराम शांडिल ने सुनियोजित और व्यवस्थित जागरूकता शिविरों की आवश्यकता पर बल दिया स्वरोजगार ऋण सीमा को 1 लाख से 3 लाख रुपये करने की स्वीकृति हिमाचल प्रदेश महिला विकास निगम के निदेशक मंडल ने आज यहां आयोजित 51वीं निदेशक मंडल बैठक में शिक्षा ऋण की सीमा को […]

You May Like