जुड़वा भाइयों ने कठिन परिश्रम से सेना में जाने का अपना सपना किया साकार

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बिलासपुर में चल रही अग्निवीर सेना भर्ती रैली में हजारों की संख्या में युवा भारतीय सेना में अपनी सेवाओं के माध्यम से देश सेवा का जज्बा और रोजगार की नई आभा की रोशनी संजोए शारीरिक व मानसिक क्षमताओं का लोहा मनवाते हुए भाग ले रहे हैं। लिखित परीक्षा के मानसिक समर्थ को पार करते हुए अभ्यर्थी लुहणू मैदान में शारीरिक योग्यता के अनेक पड़ावों को पार करने के लिए सुबह से भारी दोपहर तक तेज धूप में पसीने से तरबतर होकर अपने सपने को पूरा करने पर अड़े है।

बता दें कि ऊना जिला के नलवाड़ी गांव तहसील बंगाना के जुड़वा भाई सौरभ कुमार व गौरव कुमार जो हमीरपुर में हुई भर्ती में सफल नहीं हो पाए थे, लेकिन लुहणु मैदान में आयोजित रैली में उन्होंने अपनी सफलता का परचम लहराया। आश्चर्यजनक बात यह है कि दोनों जुड़वा भाई एक साथ सभी पायदानों को पार करते हुए सेना के लिए चुने गए हैं। विगत रैली की असफलता से सबक लेकर दोनों भाइयों ने कठोर परिश्रम के साथ सभी बाधाओं को पार करने की मन में ठानी है। 

माता-पिता के आशीर्वाद तथा विभिन्न लोगों से प्रेरणा प्राप्त कर इस रैली में सफल हुए दोनों भाइयों का कहना है कि सेना भर्ती रैली में परिश्रम के माध्यम से ही स्थान पाया जा सकता है। सौरव और गौरव का कहना है कि रैली से पूर्व सी टेस्ट की सुविधा होने से छंटनी होकर अभ्यर्थी शारीरिक क्षमता के विभिन्न आयोजनों में भाग लेता है। इससे दौड़ने में अधिक भीड़ न होने से अभ्यर्थी द्वारा अपनी क्षमता को बेहतर रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है। उन्होंने इस प्रक्रिया को प्रारंभ करने के लिए सेना का आभार व्यक्त किया।

दोनों भाईयों ने शैक्षणिक क्षेत्र में भी उत्कृष्ट मुकाम प्राप्त किया है। बावजूद इसके अन्य विकल्पों के होते हुए भी उन्होंने सेना में भर्ती होकर देश सेवा को सबसे बेहतर विकल्प के रूप में चुना है।  पिता बलवंत सिंह का कहना है कि इन दोनों बेटों को सेना के लिए समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि एक छोटा बेटा है जो मानसिक दिव्यांग है। उन्होंने अग्निवीर सैन्य भर्ती के प्रति अपनी पूरी आस्था जताते हुए बच्चों द्वारा किए गए प्रदर्शन पर प्रसन्नता जाहिर की।

उधर, हमीरपुर के काकडियार के दो जुड़वा भाई अखिल राठौर और निखिल राठौर भी इस रैली में अपने बचपन के सपने को साकार करने में सक्षम हुए हैं। बड़े भाई व बहुत से परिवार जन भारतीय सेना में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। यही जज्बा अखिल और निखिल के मन में भी भरा हुआ था।

दोनों ने बताया कि अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए उन्हें जहां परिवारजनों से प्रेरणा मिली। वही गांव के कुछ लोग भी मार्गदर्शक बने। यह फौज में अपने सुनहरे भविष्य को संवारने के लिए आतुर है। अखिल और निखिल कहते हैं कि आज बहुत से युवा भारतीय सेवा का अंग प्रत्यंग बन देश की सेवा के लिए तत्पर है। युवाओं में इसके लिए होड़ लगी है।

गौरतलब है कि लुहणु मैदान में आयोजित अग्नि वीर भर्ती रैली में बहुत से ऐसे युवाओं ने भाग लिया जो न केवल शैक्षणिक योग्यता में उत्कृष्ट मुकाम हासिल किए हुए थे अपितु अन्य वोकेशनल ट्रेनिंग या किसी और विषय में भी महारत रखते थे। इन्होंने उन सबको दरकिनार कर भारतीय सेना का सिपाही बन देश के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करने का लक्ष्य ही चुना। 

हिमाचल प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में अधिकांश युवाओं का रुझान सेना भर्ती रैलियों की तरफ हुआ है, जिसे साफ तौर पर यह कहा जा सकता है कि अग्निवीर सेना भर्ती अत्यंत कारगर साबित हो रही है। 


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