हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ उपमंडल के खेड़ा गांव के दो सगे भाईयों ने न केवल समूचा जीवन आपसी स्नेह व प्रेम से गुजारा, बल्कि संसार को अलविदा भी एक साथ कह दिया। समूचे इलाके में भाईयों के अटूट प्रेम की बात चर्चा में है।
भाईयों के जीवन की ये अनोखी दास्तां भी बन गई है। एक ही परिवार की दो बेटियों से परिणय सूत्र में बंधे थे। इसके बात भारतीय सेना में भी एक साथ सेवाएं दी। 75 साल के जग्गा राम चंदेल व 72 वर्षीय राम लाल चंदेल की चिताएं एक साथ जली। हालांकि, ये मामला चंद रोज पहले का है, लेकिन चर्चा में लगातार होने के कारण मीडिया में भी पहुंचा।
पारिवारिक जानकारी के मुताबिक बचपन से ही साथ खेले, साथ ही पढे। बड़ा भाई सेना में कैप्टन के पद से सेवानिवृत हुआ तो दूसरे भाई ने सिपाही के पद पर रहते हुए मां भारती की रक्षा में सेवाएं दी।
फिलहाल, ये साफ नहीं हुआ है कि पहले किस भाई का निधन हुआ। लेकिन ये पूरी तरह स्पष्ट है कि एक भाई के निधन के सदमे को दूसरा सहन नहीं कर पाया। एक साथ ही भाईयों की अर्थी उठी तो मंजर आंखों को नम कर देने वाला था। देश सेवा करने के बाद ताउम्र इस कद्र स्नेह से जीवन को गुजारा कि वो आज उन परिवारों के लिए एक मिसाल कायम कर गए हैं, जो मामूली बात पर ही निजी स्वार्थ को हावी कर घर को जंग का मैदान बना लेते हैं।
कुल मिलाकर ऐसी घटनाएं दुर्लभ ही हैं, जब एक भाई ने दूसरे भाई के वियोग में संसार को त्याग दिया हो।