शिमला : 01.01.2024 : श्री नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने अवगत करवाया कि निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम), वित्त मंत्रालय, भारत सरकार ने भारत और नेपाल में हाइड्रो एवं नवीकरणीय परियोजनाओं के विकासार्थ चार संयुक्त उपक्रम (जेवी) कंपनियाँ बनाने के लिए एसजेवीएन एवं विद्युत मंत्रालय के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है।
श्री नन्द लाल शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन तीन संयुक्त उपक्रम कंपनियों में अग्रणी भागीदार रहेगा, जबकि एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल), एसजेवीएन की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी चौथे संयुक्त उपक्रम में अग्रणी भागीदार होगी। एसजेवीएन, 5000 मेगावाट आरई परियोजनाओं के विकासार्थ महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड के साथ एक संयुक्त उपक्रम बनाएगा। दूसरा संयुक्त उपक्रम एसजेवीएन, अरुणाचल प्रदेश सरकार और मै. नवयुगा इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के मध्य बनेगा। यह संयुक्त उपक्रम अरुणाचल प्रदेश राज्य में 1878 मेगावाट ओजू जल विद्युत परियोजना का निष्पादन करेगा।
श्री शर्मा ने आगे कहा कि एसजेवीएन, तीसरे संयुक्त उपक्रम के माध्यम से नेपाल विद्युत प्राधिकरण एवं जीएमआर एनर्जी लिमिटेड के साथ मिलकर नेपाल में 900 मेगावाट की अपर करनाली जलविद्युत परियोजना का कार्यान्वयन करेगा। इस संयुक्त उपक्रम में एसजेवीएन एवं जीएमआर की समान इक्विटी साझेदारी होगी। एसजेवीएन की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी, एसजीईएल असम पावर डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के साथ एक संयुक्त उपक्रम बनाएगी। यह संयुक्त उपक्रम असम राज्य में 1000 मेगावाट आरई परियोजनाओं के विकास के लिए होगा।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गैर-जीवाश्म स्रोतों से वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट ऊर्जा उत्पन्न करने की प्रतिबद्धता एवं वर्ष 2070 तक हमारे देश की नेट-शून्य प्रयोजन के साथ संरेखित करने की पृष्ठभूमि में, भारत सरकार नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। एसजेवीएन इस विजन को आगे बढ़ाने के लिए अपने पोर्टफोलियो में महत्वपूर्ण क्षमताओं में वृद्धि कर रहा है।
एसजेवीएन ने हाइड्रो, थर्मल, सौर एवं पवन ऊर्जा, विद्युत पारेषण एवं पावर ट्रेडिंग में विस्तार एवं विविधता लाई है। कंपनी भारतीय विद्युत परिदृश्य में एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की विद्युत निकाय के रूप में उभरा है। वर्तमान में, एसजेवीएन का परियोजना का पोर्टफोलियो 56,000 मेगावाट से अधिक है, जिसकी उपस्थिति अखिल भारत एवं नेपाल में है। एसजेवीएन वर्ष 2040 तक 50,000 मेगावाट विद्युत उत्पादन करने के अपने साझा लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।