प्रदेश में 18 लाख तीन हजार सदस्यों द्वारा 4849 सहकारी समितियों की सहायता से सहकारी कार्यों को बढ़ाया जा रहा है। यह जानकारी मंगलवार को राज्य सहकारी परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए शहरी, विकास, आवास एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 490 करोड़ शेयर पूंजी, 1495 करोड़ 81 लाख बकाया ऋण, 4286 करोड़ 34 लाख तथा जमा राशि 3278 करोड़ 86 लाख रुपए की राशि तीन वर्षों के दौरान सहकारी समितियों के कार्यों में आंकी गई है। उन्होंने बताया कि समितियों के सफल संचालन तथा कार्यप्रणाली को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक पदों पर भर्ती प्रक्रिया करने की आवश्यकता को देखते हुए इस संबंध में परिषद द्वारा भर्ती प्रक्रिया करने की स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ-साथ प्रदेश सरकार द्वारा भी सहकारिता को बढ़ाने के लिए कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि सहकारिता को सुदृढ़ करने से ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल प्रदान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों में सही आदमियों का चयन हो ताकि समितियों के कार्यों का लाभ आमजन तक पहुंच सके।
भारद्वाज ने सहकारी समितियों को नियमित रूप से चलाने के लिए इसके प्रबंधक समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण अवश्य प्रदान किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सहकारी समितियों को सुदृढ़ता प्रदान करने के लिए मजबूत प्रस्ताव तैयार कर सरकार को सौंपे। इसमें यदि केंद्र सरकार से सहयोग की आवश्यकता होगी तो कार्रवाई की जाएगी। बैठक में हिमाचल प्रदेश राज्य को-ओपरेटिव बैंक के अध्यक्ष खुशी राम बालनाहटा, अध्यक्ष हिम फैड गणेश दत्त, अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी विकास समिति रत्न सिंह पाल, ग्रामीण विकास बैंक की अध्यक्ष शशी बाला, सचिव सहकारिता अक्षय सूद, पंजीयक सहकारी सभा राजेश शर्मा, प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक श्रवण मांटा, अतिरिक्त पंजीयक सहकारी सभा रमेश माल्टा, संयुक्त पंजीयक प्रशासन अनिल चौहान, संयुक्त पंजीयक सुधीर कटोच एवं नीरज सूद, उपपंजीयक आडिट हेतराम, केपीएआरडीडी के अध्यक्ष कमल नयन, गैर सरकारी सदस्य राजेंद्र शर्मा, ममता गुप्ता, नंदराम कश्यप, हिम बुनकर के अध्यक्ष शिव चरण चौहान भी उपस्थित थे।